दारोगा कराते थे चाय-नाश्ता और दिन में दारूबाजी
प्रयागराज (राजेश सिंह)। समाजवादी पार्टी की सरकार में अतीक अहमद का माफियाराज ज्यादा फला फूला। सपा के शासन में प्रयागराज के थानों में या तो उसका आदेश चलता या फिर उसके गुर्गे जाकर मनमानी करते। किसी भी पकड़े गए शख्स को थाने से छुड़ा लाते और अपने विरोधी या दुश्मन को थाने ले जाकर पीटते तथा धमकाते थे। कप्तान से लेकर सीओ और थानेदारों की पोस्टिंग माफिया ही कराता था। क्या मजाल थी कि उसके आदेश को नजरंदाज किया जाता। माफिया पर बनी फिल्मों जैसा सीन शहर के कई थानों में दिखता जहां अतीक के गुंडे कुर्सी पर बैठे आदेश देते जबकि सिपाही और दारोगा खड़े होकर सुनते रहते। चाय-नाश्ता भी थाने में होता और दिन में दारूबाजी भी।
अतीक के विधायक और फिर सांसद रहते शहर के थानों करेली, शाहगंज, खुल्दाबाद, धूमनगंज, सिविल लाइंस और उधर पिपरी तथा पूरामुफ्ती में अतीक के नाम पर उसके गुर्गे डेरा डाले रहते। किसे पकड़ना है और किसे छोड़ना, यह अतीक और उसके गुंडे तय करते थे। पुलिस चोरी-झपटमारी और मारपीट में लोगों को पकड़ लाती तो माफिया के गुंडे आकर छुड़ा ले जाते। थानेदार को धमकाते अलग थे।
कप्तान को बताया जाता तो वे भी खून के घूंट पीकर रह जाते क्योंकि माफिया के खिलाफ कोई आदेश देने का मतलब था बोरिया-बिस्तर बंध जाना। वर्ष 2012 से 2017 तक तमाम ऐसे वाकये हैं जब अतीक और अशरफ ने ही नही, उसके गुंडों ने भी थाने में जाकर मनमानी की। अशरफ तो कई बार खुल्दाबाद और शाहगंज थाने जाकर पकड़े गए लोगों को छुड़ा लाया। एक बार कार शोरूम के मालिक को पीटकर थाने के लाकअप में बंद कर गया।