प्रयागराज (राजेश सिंह)। जौनपुर की एक किशोरी को अगवा कर मुंबई ले जाया गया। वहां सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसे तीन मंजिला छत से नीचे फेंक दिया गया। गंभीर हाल में उसे मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया और तब घरवालों को जानकारी मिली। वह उसे जौनपुर ले आए जहां रेफर किए जाने पर उसे एसआरएन लाया गया। यहां मरहम-पट्टी के बाद उसे वापस घर भेज दिया गया।
जौनपुर के सुजानगंज निवासी 17 वर्षीय किशोरी का पिता हरियाणा में रहकर नौकरी करता है। उसने बताया कि गांव में उसकी पत्नी व बेटी रहती हैं। 28 मई की सुबह आठ बजे बेटी बाजार तक जाने की बात कहकर निकली और फिर उसका पता नहीं चला। बहुत खोजबीन पर भी पता नहीं चलने पर तीन दिन बाद सुजानगंज थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई गई। 13 जून को पिता के पास मुंबई के भिवंडी स्थित अस्पताल से फोन कर बताया गया कि उसकी बेटी गंभीर हाल में भर्ती है।
पिता का आरोप है कि वह पहुंचा तो बेटी ने बताया कि गांव का ही युवक उसे बहला-फुसलाकर ले गया था। मुंबई में उसने उसे एक फ्लैट में रखा जहां दो अन्य युवक भी थे। उन्होंने उसे मारापीटा व सामूहिक दुष्कर्म किया। विरोध पर तीन मंजिला से नीचे फेंक दिया। गंभीर हालत में बेटी को लेकर पिता सुजानगंज थाने पहुंचा तो उसे पहले इलाज कराने को कहा गया। जिला अस्पताल से रेफर कर दिया गया जिस पर उसे एसआरएन अस्पताल लाया गया।
पिता ने बताया कि यहां पहले दिन इलाज नहीं किया गया और उसे डफरिन भेज दिया गया। मंगलवार को बेटी का इलाज शुरू हुआ। दोनों पैरों में प्लास्टर चढ़ाया गया और कमर में बेल्ट बांधा गया। हालांकि भर्ती करने से इन्कार कर दिया गया, जिस पर वह उसे लेकर घर लौट गया। पिता का आरोप है कि मामले में पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। उधर एसआरएन अस्पताल से भी उसे निराशा मिली। इस मामले में एसआईसी अजय सक्सेना का कहना है कि ऐसी कोई मरीज अस्पताल में आई थी, उन्हें जानकारी नहीं है।
किशोरी की स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने उसे प्रारंभिक उपचार दिया। लड़की को प्लास्टर लगाया गया और मरहम पट्टी की गई। अगर आवश्यकता होती तो उसे भर्ती किया जाता। उसकी स्थिति को देखते हुए ही उसे घर भेजा गया। - डाॅ. एसपी सिंह, प्राचार्य, मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज