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प्रयागराज: तीन दिन से दर्ज रिपोर्ट के बाद भी पुलिस ने नहीं कराया पीड़िता का बयान

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज के यमुनानगर के करछना में ट्रेन के आगे कूदकर जान देने का प्रयास करने वाले कमलेश पटेल के मामले में मुकदमा तो दर्ज कर लिया गया, लेकिन कार्रवाई नहीं शुरू हुई है। तीन दिन बाद भी मुकदमा वादी व उसकी पत्नी रंजना पटेल का बयान दर्ज नहीं किया जा सका है। इस मामले में थाने में तैनात रहे इंस्पेक्टर मनमोहन मिश्रा समेत चार पर नामजद मुकदमा हुआ है। वादी का आरोप है कि पहले तो पुलिस ने मुकदमा लिखने मेें देरी की। 19 जून को ही तहरीर देने के बावजूद रिपोर्ट दर्ज करने में आनाकानी करती रही। मीडिया में खबर आने के बाद 28 जून को रिपोर्ट दर्ज की गई। हालांकि, तीन दिन बीतने के बावजूद अब तक विवेचना शुरू नहीं हुई है। यहां तक कि पीड़िता का बयान तक नहीं दर्ज किया गया। वादिनी के ससुर झल्लर पटेल ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज होने के बाद से अब तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। किसी आरोपी को न गिरफ्तार किया और न ही उसकी बहू का बयान लिया। उधर, इस मामले में करछना इंस्पेक्टर नरेंद्र प्रसाद का कहना है कि वादिनी अभी पति का इलाज करा रही है। ऐसे में बयान नहीं दर्ज किया जा सका है।
मामले में करछना पुलिस की भूमिका शुरू से ही सवालों में रही है। शिकायत के बावजूद पुलिस आरोपियों पर कार्रवाई से आनाकानी करती रही। रिपोर्ट तक नहीं लिखी और 19 जून को युवक के ट्रेन के आगे कूदकर खुदकुशी का प्रयास करने की घटना के दो दिन बाद ही विपक्षियों की तहरीर पर भुक्तभोगी, इसकी पत्नी व पिता पर रिपोर्ट दर्ज कर ली। आरोप है कि सुलह समझौते के लिए पांच लाख रुपये मांगे गए और दबाव बनाकर बार-बार थाने बुलाने से ही उनके पक्ष की एक महिला को हार्ट अटैक आ गया। उधर, कमलेश एसआरएन अस्पताल में भर्ती है। 12वें दिन भी उसकी हालत गंभीर बनी रही। पिता ने बताया कि उसका ऑपरेशन हुआ है, लेकिन वह बोल नहीं पा रहा है। कुछ खाने की भी हालत में नहीं है। वह आईसीयू में भर्ती है।

जानें पूरा मामला

प्रयागराज के यमुनानगर में करछना इलाके के जगौती गांव के रहने वाले कमलेश पटेल की बाइक 14 जून को छीन ली गई थी। इस मामले में कमलेश ने एसडीएम करछना से शिकायत की तो पुलिस को तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए गए। आरोप है कि कमलेश एसडीएम के आदेश वाला प्रार्थनापत्र लेकर थाने पहुंचा तो अतिरिक्त निरीक्षक मनमोहन मिश्रा ने आरोपियों पवन द्विवेदी, मोनू द्विवेदी और पप्पू गुप्ता को बुला लिया। इसके बाद सभी ने मिलकर कमलेश को धमकाया और प्रताड़ित किया। उससे कई सादे कागजों पर हस्ताक्षर भी करवा लिए। इन्हीं सब बातों से परेशान होकर उसने खुदकुशी की कोशिश की।

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