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वकीलों की हड़ताल समाप्त, सरकार और यूपी बार एसोसिएशन के बीच पांच सूत्री मांगों पर समझौता

SV News

लखनऊ (राजेश सिंह)। हापुड़ में वकीलों पर लाठीचार्ज के विरोध में प्रदेश में चल रही वकीलों की हड़ताल समाप्त हो गई है। बृहस्पतिवार शाम उत्तर प्रदेश बार काउंसिल और सरकार के अधिकारियों के बीच हुई बातचीत में सरकार ने हापुड़ के एएसपी को हटाने, सीईओ और पुलिस निरीक्षक को निलंबित करने सहित पांच सूत्री मांगों पर सहमति दी।
उत्तर प्रदेश काउंसिल के चेयरमैन श्रीकिशोर गौड के नेतृत्व में काउंसिल के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र से लोकभवन में मुलाकात की। काउंसिल के पदाधिकारियों और शासन के अधिकारियों के बीच करीब एक घंटे से अधिक समय तक बातचीत चली। काउंसिल के सह अध्यक्ष प्रशांत सिंह अटल ने बताया कि सरकार ने हापुड़ के एएसपी को हटाने, सीईओ और पुलिस निरीक्षक को निलंबित करने, एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने के लिए कमेटी गठित करने का आश्वासन दिया। सरकार ने हापुड़ प्रकरण में वकीलों पर प्रदेश भर में दर्ज मुकदमे वापस लेने और एसआईटी रिपोर्ट आने के बाद दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने का भी आश्वासन दिया। सरकार के आश्वासन के बाद काउंसिल ने हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की है।
बातचीत में सरकार की ओर से पुलिस महानिदेशक विजय कुमार, डीजी स्पेशल कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार, प्रमुख सचिव संजय प्रसाद और प्रमुख सचिव विधायी जेपी सिंह मौजूद थे। वहीं काउंसिल के उपाध्यक्ष अनुराग पांडेय सहित काउंसिल के अन्य सदस्य भी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि 28 अगस्त को हापुड़ में पुलिस ने वकीलों पर लाठीचार्ज किया था। उसके बाद 29 अगस्त से प्रदेश भर में वकीलों ने कार्य का बहिष्कार कर रखा था। इससे न केवल न्यायिक कार्य प्रभावित हो रहा था।
हापुड़ में अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज को लेकर राजधानी के वकीलों ने एक बार फिर बृहस्पतिवार को प्रदर्शन किया। स्वास्थ्य भवन चौराहे से लेकर हजरतगंज चौराहे के बीच करीब दो किमी. तक वकीलों ने पुलिस व सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हजरतगंज चौराहे से आगे बढ़ने से पुलिस के रोकने पर वकील उग्र हो गए। उनकी पुलिस से तीखी नोक झोंक हुई। इस दौरान धक्का-मुक्की में कुछ पुलिसवाले गिर भी गए। किसी तरह वकीलों को हजरतगंज चौराहे से वापस भेजा गया। लौटते वक्त इन्होंने मीडियाकर्मियों से अभद्रता, मारपीट की। वकीलों के प्रदर्शन को लेकर डालीगंज से लेकर हजरतगंज, हनुमान सेतु से हजरतगंज और उसके आसपास के इलाके में ट्रैफिक को अचानक डायवर्ट करना पड़ा। इससे कई रूटों पर घंटों जाम लग गया, जिससे आम लोगों को काफी परेशानी हुई।
मांगों को लेकर सैकड़ों अधिवक्ता सुबह स्वास्थ्य भवन चौराहे के पास जमा हो गए और नारेबाजी शुरू कर दी। वकीलों के प्रदर्शन को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल पहले से तैनात था। कई जगहों पर बैरिकेडिंग भी की गई थी। कुछ देर चौराहे पर प्रदर्शन के बाद वकील नारेबाजी करते हुए आगे बढ़े। मकबरा सआदत अली पर पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो वकील बैरिकेडिंग तोड़ते हुए परिवर्तन चौक पहुंच गए। यहां सरकार का पुतला फूंका और आगे बढ़ दिए।
केडी सिंह बाबू स्टेडियम के पास पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो वकील उग्र हो गए और धक्का-मुक्की करते हुए हजरतगंज चौराहे की तरफ बढ़ने लगे। यहां जेसीपी एलओ उपेंद्र अग्रवाल ने बैरिकेडिंग लगा रखी थी। वकील जैसे ही चौराहे पर पहुंचे पुलिस बल ने उन्हें रोक दिया। इस पर वकीलों व पुलिस में तीखी नोक झोंक हुई। नौबत हाथापाई तक आ गई। पुलिस ने किसी तरह वकीलों को समझाकर लौटाया। अधिवक्ता शाम तक स्वास्थ्य भवन चौराहे पर प्रदर्शन करते रहे।
हजरतगंज चौराहे से लौटते वक्त परिवर्तन चौराहे पर कुछ मीडियाकर्मियों को भी वकीलों के गुस्से का सामना करना पड़ा। वकीलों ने इनसे मारपीट करते हुए कैमरा और मोबाइल तोड़ दिया। इस दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही। बाद में पुलिस ने वकीलों को हटाया तो वे नारेबाजी करते हुए वापस स्वास्थ्य भवन चौराहे पहुंच गए। वकीलों के प्रदर्शन को लेकर पुलिस पहले से सतर्क थी, पर कोई डायवर्जन नहीं किया गया था। हालांकि, बाद में कोर्ट की तरफ आने वाले सभी रास्तों को बंद कर ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया गया। अचानक हुए ट्रैफिक डायवर्जन से जगह-जगह जाम लग गया। दोपहर दो बजे वकीलों का प्रदर्शन कुछ शांत हुआ तब डायवर्जन खत्म कर सभी रूटों पर ट्रैफिक को चालू किया गया।

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