मेजा,प्रयागराज। (हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
मुख्य चिकित्सा धिकारी डॉक्टर आशु पांडेय की बड़ी लापरवाही के चलते सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामनगर की व्यवस्था पटरी से उतरी हुई चल रही हैं। अस्पताल में डॉक्टरों की संख्या चार से भी कम रह गई है। इतनी कम संख्या के साथ अस्पताल में इमरजेंसी और ओपीडी चलाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। क्षेत्र के लोग परेशान हैं जबकि ओवरलोड के चलते अधिकांश चिकित्सक मेडिकल लीव पर जाने का मन बना रहे हैं। शासन के तबादला नीति के बाद अस्पताल में डॉक्टर की कमी हो गई। दो सप्ताह पहले अस्पताल में तैनात अधीक्षक नीरज पटेल का स्थानांतरण कर दिया गया। उनके स्थान पर सी एच सी मेजा के अधीक्षक ओमप्रकाश को यहां का अधीक्षक बनाया गया था।बताया जाता है कि स्थानीय नेता की कृपा से ट्रांसफर का क्रियानवयन नहीं हो पा रहा है। ऐसी दशा में रामनगर में अधीक्षक न होने के कारण अस्पताल की व्यवस्था पटरी से उतर गई है। अस्पताल में आठ डॉक्टरों की तैनाती नियमित रूप से होनी चाहिए लेकिन वर्तमान समय में चार डॉक्टर दुष्यंत सिंह, डा. विजय प्रकाश त्यागी, डा. पूजा कुशवाहा एवं डा. रिता द्विवेदी ही अस्पताल पर तैनात हैं। इसमें भी डा. दुष्यंत सिंह के पास सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामनगर के साथ-साथ सीएचसी भगवतपुर का भी चार्ज है। यही नहीं इन चार डॉक्टरों में से एक डॉक्टर हमेशा अनुपस्थित ही रहते हैं। सीएचसी रामनगर में प्रत्येक दिन ढाई सौ से तीन सौ ओपीडी के मरीज आते हैं। ऐसे में डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र के लोगों ने डॉक्टरों की तैनाती को लेकर सीएमओ प्रयागराज को पत्र भी लिखा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।