प्रयागराज (राजेश सिंह)। क्षत्रियों को अपना गौरवशाली इतिहास याद रखना होगा। किसी भी जाति आधारित संगठन का उद्देश्य उस जाति के पूरे समाज को एक मंच पर लाना है। पुस्तक ‘क्षत्रिय वंशार्णव’ इस उद्देश्य को पूरा करने में सहायक सिद्ध होगी। देश भर के क्षत्रियों की वंशावली इस पुस्तक में दर्ज है। इसका अध्ययन हमें संकुचित विचारधारा से बाहर लाएगा। ये बातें अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष उमाशंकर सिंह कछवाह ने कहीं। वे रविवार को हिंदुस्तानी एकेडमी में सुबेदार भगवान दीन सिंह की पुस्तक क्षत्रिय वंशार्णव के द्वितीय संस्करण के विमोचन पर बोल रहे थे। पुस्तक के प्रकाशक कुंवर साहब सिंह ने बताया कि सुबेदार जी ने 14 वर्षों तक देश भर में गांव-गांव जाकर जानकारी जुटाई। इतने लंबे और कठिन परिश्रम के बाद क्षत्रियों का यह प्रामाणिक इतिहास हम सबके सामने आया है। इस पुस्तक में लगभग 5,000 क्षत्रिय वंशों का विवरण दिया गया है। सेंगर क्षत्रिय समाज संगठन के तत्वावधान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संचालन विनोद ठाकुर ने किया। इस अवसर पर सेंगर क्षत्रिय समाज संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजेश सिंह सेंगर, संरक्षक तेज प्रताप राणा, शैलेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह तोमर, राणा प्रदीप सिंह, कुलदीप सिंह मदनावत, अनूप सिंह सेंगर, प्रवीन सेंगर, सतीश सिंह सिंगरौर, अनिल सिंगरौर, अक्षय प्रताप सेंगर आदि उपस्थित रहे।