प्रयागराज (राजेश सिंह)। शांतिपुरम लेबर चौराहे के पास एक दिन पहले हुई बमबाजी के मामले में अहम खुलासा हुआ है। पता चला है कि बम चलाकर दहशत फैलाने की यह घटना शहर में दो साल पहले कहर बरपाने वाले स्कूली छात्रों के ग्रुप तांडव व माया ने अंजाम दी थी। सीसीटीवी फुटेज के जरिए इन्हें चिह्नित किया गया है। पुलिस के साथ ही एसओजी भी इनकी तलाश में जुट गई है।
घटना शनिवार दोपहर शांतिपुरम नंद स्वीट हाउस के पीछे स्थित कैफे के बाहर हुई थी। कैफे में किसी बात को लेकर छात्रों के दो गुटों में विवाद के कुछ देर बाद एक गुट ने आकर बम फोड़े थे। मौके से दो बम भी बरामद हुए थे। घटना के बाद पुलिस ने आसपास लगे कैमरों के फुटेज खंगाले तो बम फोड़ने वालों की तस्वीर मिली। चिह्नित करने के प्रयास में इनके बारे में जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि यह सिविल लाइंस के एक स्कूल के छात्र व उनके साथी हैं।
यह भी पता चला कि इस घटना में उसी तांडव व माया ग्रुप के स्कूली छात्रों का हाथ है जिन्होंने दो साल पहले शहर में स्कूलों के बाहर बमबाजी की ताबड़तोड़ वारदातें अंजाम देकर पुलिस की नाक में दम कर दिया था। छात्रों के बीच वर्चस्व कायम करने के मकसद से यह घटना अंजाम दी गई। डीसीपी गंगानगर अभिषेक भारती ने बताया कि फाफामऊ की घटना में शामिल युवकों को चिह्नित किया गया है। उनकी तलाश में पुलिस टीमें लगा दी गई हैं।
जुलाई 2022 में शहर के नामी स्कूलों बिशप जॉनसन, बीएचएस आदि के बाहर बमबाजी की लगातार वारदातें सामने आई थीं। आम छात्र-छात्राओं व अभिभावकों के लिए खौफ का पर्याय बनीं यह घटनाएं जिला पुलिस के लिए भी बड़ी चुनौती थीं। जिसे देखते हुए तत्कालीन एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने अभियान चलाकर इस मामले में कार्रवाई कराई थी।
खास बात यह कि तब मौजूदा डीसीपी गंगानगर अभिषेक भारती सीओ सिविल लाइंस के पद पर तैनात थे और उन्होंने अलग-अलग ग्रुप बनाकर बमबाजी की वारदातें अंजाम देने वाले 11 स्कूली छात्रों को गिरफ्तार किया था। यह सभी शहर के नामी स्कूलों के छात्र थे और इनमें से 10 नाबालिग थे। इनके कब्जे से बम भी बरामद किए गए थे। सूत्रों का कहना है कि इन्हीं ग्रुप के सदस्यों के एक बार फिर से सक्रिय होने की सूचना पुलिस तक पहुंची है।