![]() |
ड्रोन कैमरा से लिया गया विंध्य कारीडोर का फोटो |
विंध्याचल, मिर्जापुर (राजेश सिंह)। विंध्य कॉरिडोर के साथ ही मंदिर के गर्भगृह को भी संवारने की तैयारी है। गर्भगृह के बाहर के हिस्से को आकर्षक मकराना संगमरमर से चमकाने की तैयारी है, वहीं अंदर देवी भक्तों द्वारा सोने, चांदी तथा अन्य धातुओं से मां के दरबार को दिव्य बनाने की पेशकश की गई है। जल्दी ही मां का दरबार भव्य और दिव्य नजर आएगा।
मां विंध्यवासिनी मंदिर परिसर (गर्भगृह को छोड़कर बाहर का हिस्सा) भी भव्य बनेगा। करीब 71 करोड़ 92 लाख रुपये की लागत से मां विंध्यवासिनी मंदिर को मकाराना पत्थर से सजाया जाएगा। गुलाबी पत्थरों से बने कॉरिडोर के बीच मां का मंदिर सफेद मकराना पत्थर से अलौकिक छटा बिखेरेगा। निर्माणाधीन विंध्य कॉरिडोर का काम अंतिम चरण में है। अब मां विंध्यवासिनी के मुख्य मंदिर को भी संवारने की तैयारी है। मंदिर को भव्य बनाने के लिए भी प्रस्ताव भेजा गया है।
लोक निर्माण विभाग भवन के अधिशासी अभियंता ने बताया कि शासन के निर्देश पर मां विंध्यवासिनी के मुख्य मंदिर के निर्माण के लिए 71 करोड़ 92 लाख रुपये का स्टीमेट तैयार किया गया है। इसमें गर्भगृह को छोड़कर मुख्य मंदिर के बाकी हिस्से को नया स्वरूप प्रदान करने का प्रस्ताव है।
इस समय मंदिर की जो आकृति है, उसके बाहरी हिस्से को तोड़कर मकराना पत्थर से भव्य स्वरूप प्रदान किया जाएगा। बजट स्वीकृत होने के बाद आर्किटेक्ट मंदिर को नया स्वरूप प्रदान करेंगे। नए वित्तीय वर्ष पर बजट स्वीकृत होने की उम्मीद है। इसके बाद मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। मकराना पत्थर से मंदिर बनने के बाद कॉरिडोर की भव्यता और बढ़ जाएगी।
मां विंध्यवासिनी मंदिर के गर्भगृह के अंदर चार करोड़ की लागत से सोना और चांदी लगाने की तैयारी है। एक भक्त ने इसका पूरा खर्च उठाने की पेशकश की है। संभावना जताई जा रही है कि लगभग चार किलो सोना और 45 से 50 किलो चांदी लगेगी। इसको लेकर हाल ही में विंध्य विकास परिषद की बैठक हुई थी। जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन की मौजूदगी में हुई बैठक के दौरान आम भक्तों के लिए दर्शन-पूजन प्रभावित किए बगैर गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने के विकल्प पर भी चर्चा हुई थी।
साफ-सफाई के लिए दर्शन-पूजन बंद होने के दौरान काम करने के विकल्प पर भी बात हुई। इस दौरान यह प्रस्ताव भी रखा गया कि मंदिर की नापी के बाद बाहर ही सोने और चांदी की नक्काशी इत्यादि का काम करा लिया जाए। बाद में केवल फिटिंग आदि के काम बचे रहेंगे। ऐसे में दर्शन-पूजन प्रभावित किए बगैर काम कराया जा सकता है। कुछ और भक्तों ने भी गर्भगृह को भव्य बनाने की इच्छा जताई है। ऐसे में आने वाले समय में गर्भगृह की दिव्यता तथा भव्यता और बढ़ेगी।
खर्चों का ब्योरा
विंध्य कॉरिडोर की कुल लागत- 331 करोड़
पुरानी वीआईपी मार्ग का कापाकल्प - 1567 लाख
दो मंजिला 50 फीट परिक्रमा पथ - 1941 लाख
वीआईपी गली का कायाकल्प - 662 लाख
पक्काघाट गली का कायाकल्प - 902 लाख
कोतवाली रोड का कायाकल्प - 235 लाख
ये काम भी होंगे
अष्टभुजा मंदिर परिसर को संवारने के लिए 71 करोड़ से काम होगा।
कालीखोह मंदिर परिसर को संवारने के लिए 51.84 करोड़ से काम होगा।