साइज और वजन में मिला काफी अंतर
प्रयागराज (राजेश सिंह)। संगम की रेती पर चार हजार हेक्टेयर में बसने वाले महाकुंभ की तैयारियों में भ्रष्टाचार के घुन लगते जा रहे हैं। साल स्लीपर के खरीद आर्डर में वित्तीय अनियमितता उजागर होने के बाद तंबुओं की नगरी में घूमने के लिए बनने वाली सड़कों की चकर्ड प्लेट की खरीद में भी खेल शुरू हो गया है। अब तक की आपूर्ति की गईं चकर्ड प्लेटेंसाइज और वजन दोनों में अंतर पाया गया है। इसकी जानकारी मिलने के बाद अभियंताओं के होश उड़ गए हैं।
अरैल से फाफामऊ के बीच चार हजार हेक्टेयर में बसने वाली कुंभनगरी में चकर्ड प्लेट सड़कों का जाल बिछाया जाना है। देवी-देवताओं और ऋषि-मुनियों के नाम पर बनने वाली इन सड़कों को बनाने के लिए 1,16052 चकर्ड प्लेट की खरीद की जानी है। हाल में स्टील अथारिटी ऑफ इंडिया से चकर्ड प्लेट की खरीद शुरू कर दी गई। नैनी स्थित स्टील अथारिटी के प्लांट से पीडब्ल्यूडी के कनिहार स्टोर के लिए चकर्ड प्लेट की आपूर्ति की जा रही है। अब तक एक चौथाई चकर्ड प्लेटों की आपूर्ति स्टोर को की जा चुकी है।
सेल कंपनी से कराई गई चकर्ड प्लेटों की जांच
इस बीच स्टोर में लाई जा रही चकर्ड प्लेटों की साइज और वजन दोनों में अंतर होने की जानकारी ने पीडब्ल्यूडी के बड़े अफसरों की नींद उड़ा दी है। करीब 222 करोड़ रुपये की चकर्ड प्लेट खरीदी जानी है। चकर्ड प्लेट की साइज और वजन में अंतर पाए जाने के बाद कुंभ मेला डिवीजन के प्रभारी एक्सईएन पीके राय ने स्टील अथारिटी ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक को पत्र लिखा है। शनिवार की शाम तक स्टील अथॉरिटी के नैनी प्लांट से कनिहार स्टोर को 28 हजार से अधिक चकर्ड प्लेटों की आपूर्ति की जा चुकी थी।
इसमें चकर्ड प्लेटें ओवर साइज आने की बात कही कई है। जबकि कई चकर्ड प्लेटें टेढ़ी भी पाई गई हैं। एक्सईएन ने स्टील अथारिटी के प्रबंधक को लिखे पत्र में कहा है कि यही हाल रहा तो चकर्ड प्लेटों की कमी हो जाएगी। और महाकुंभ में बिछाने के लिए जितनी संख्या में चकर्ड प्लेटों की जरूरत है, वह संख्या पूरी नहीं हो पाएंगी। इसके लिए वजन और साइज में सुधार करने के लिए कहा गया है। साथ ही एक्सईएन ने प्रति माह वजन का सत्यापन कर प्रमाण पत्र भी पीडब्ल्यूडी को उपलब्ध कराने के लिए कहा है, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।