शर्मनाक हरकत: लाशों से की जा रही कमाई, जिम्मेदार मौन
प्रयागराज (राजेश सिंह)। स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल परिसर के पोस्टमार्टम हाउस में तैनात कर्मचारी लाशों की सिलाई के नाम पर कमाई करने लगे हैं। सोमवार को सिला हुआ शव देने के एवज में रुपये की मांग किए जाने के बाद जमकर हंगामा हुआ। परिजनों का आरोप है कि पोस्टमार्टम के बाद वहां तैनात कर्मी बेटे का शव देने के एवज में बिलखते पिता से छह सौ रुपये देने की मांग करने लगे। विवाद तब बढ़ गया, जब रुपये न देने पर कर्मी बिना सिले ही शव देने की बात करने लगे। कहा जा रहा है कि पहले शवों की सिलाई के लिए पांच सौ रुपये लिए जाते थे, लेकिन छह महीने से सौ रुपये रेट बढ़ा दिया गया है।
पिता के मुंह से बोल नहीं फूट रहे थे। फफकते हुए उसका कहना था कि कर्मचारियों ने उससे कहा है कि 600 रुपये दो...नहीं तो बिना सिले बेटे की बॉडी घर ले जाओ। नैनी के रमेश चंद्र के मुताबिक रविवार को नवाबगंज थाना क्षेत्र में उनका बेटा दावत खाने गया था। वहां से लौटते समय उसकी सड़क हादसे में मौत हाे गई। सोमवार को जब वह अपने बेटे का पोस्टमार्टम कराने के लिए पहुंचे तो उनसे कपड़े व दो बंडल कॉटन के साथ 600 रुपये की मांग की गई।
इस पर उनका कहना था कि जब कपड़े और कॉटन दे रहा हूं तो 600 रुपये किस बात के लिए जा रहे हैं। इस पर पोस्टमार्टम करने वाले कर्मी ने उनके बेटे का शव सिलने से मना कर दिया। कर्मचारी का कहना था कि पैसे नहीं दोगे तो बेटे की खुली हुई बॉडी घर लेकर जाना पड़ेगा। हम सिलाई नहीं करेंगे। इसके बाद सिला हुआ शव लेने के लिए विवश होकर उन्हें कर्मचारी को पैसे देने पड़े।
पोस्टमार्टम हाउस में शवों से वसूली का यह नया और पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी शवों की सिलाई के नाम पर वसूली की बातें सामने आती रही हैं। नैनी के ही मोहब्बतगंज निवासी मजदूर प्रेम कुमार राव की दो दिन पहले नए पुल से यमुना नदी में कूदने से मौत हो गई थी। वह घर में अपनी मां के साथ रहता था। घर में किसी के न होने की वजह से सोमवार को उसका फुफेरा भाई संतोष कुमार पोस्टमार्टम कराने के लिए पहुंचा।
उसने बताया कि उसके भाई का पोस्टमार्टम होने के बाद उससे भी छह सौ रुपये की मांग की गई, जब उसने बताया कि वह मजदूरी करके अपना परिवार चलाता है, उसके पास रुपये देने लिए नहीं हैं तब उसे भी यही उत्तर मिला था। कर्मचारी ने उससे भी कहा कि बिना सिले ही बॉडी घर लेकर जाओ। इसके बाद अपने परिचितों से पैसे इकठ्ठा कर उसने कर्मचारियों को दिया था। इसी तरह करछना के नौवा गांव निवासी संदीप कुशवाहा भी बीते दिनों अपने जीजा की मौत के बाद पोस्टमार्टम कराने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम हाउस पर तैनात कर्मचारी ने उनसे कपड़े और कॉटन लाने लिए कहा था। जब वह सारा सामान लेकर आए तो उनसे छह सौ रुपये की अलग से मांग की जाने लगी।
पैसे न देने पर कर्मी का उनसे कहना था कि वह बॉडी में रूई भी नहीं भरेगा और ना ही उसकी सिलाई करेगा। ऐसे ही शव लेकर घर जाना पड़ेगा। इस पर युवक के काफी गिड़गिड़ाने के बाद उससे पांच सौ रुपये लिए गए थे।
इस संबंध में सीएमओ डॉ. आशु पांडेय ने कहा कि मेरे पास ऐसी शिकायत अभी तक किसी भी परिवार की तरफ से नहीं मिली है। कोई व्यक्ति अगर इस तरह की शिकायत करेगा, तो जांच कराई जाएगी। इस तरह का कृत्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।