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प्रयागराज: महिला सिपाही प्रिया और सिपाही राजेश की मौत का सच आया सामने, पोस्टमार्टम में खुलासा

SV News
पीएम हाउस के बाहर बिलखते सिपाही राजेश के पिता-भाई

प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज शहर के शाहगंज के मिन्हाजपुर में एक दिन पहले आरक्षी राजेश वैष्णव (27) व प्रिया देवी (25) की मौत के मामले में अहम खुलासा हुआ है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि दोनों ने खुदकुशी की थी। पुरुष सिपाही ने फांसी लगाई जबकि महिला सिपाही की मौत जहरीला पदार्थ खाने से हुई थी। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने विसरा व वैजाइनल स्वैब की स्लाइड सुरक्षित रखवाई है।
दोनों के परिजन देर रात ही शहर पहुंच गए थे। पंचायतनामे की कार्रवाई भी भोर में ही करा ली गई। इसके बाद बुधवार को तड़के पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू की गई। पहले महिला सिपाही के शव का पोस्टमार्टम हुआ। तीन डॉक्टरों के पैनल ने वीडियोग्राफी के बीच पोस्टमार्टम किया।
सूत्रों का कहना है कि महिला सिपाही के शरीर पर किसी तरह के चोट के निशान नहीं मिले। यह भी सामने आया कि जहरीला पदार्थ खाने से उसकी मौत हुई। शरीर पर किसी तरह के चोट के निशान नहीं मिलने से इस बात की पूरी आशंका है कि उसने खुद से जहर खाया। उधर, पुरुष सिपाही के शव का पोस्टमार्टम दोपहर में हुआ। इसमें पता चला कि उसकी मौत फांसी लगाने से हुई।

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पीएम हाउस के बाहर बिलखती सिपाही राजेश की पत्नी नीतू

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह तो साफ हो गया कि दोनों ने खुदकुशी की। इसकी वजह क्या रही, यह स्पष्ट नहीं हो सका। इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं भी रहीं। एक चर्चा यह रही कि किसी बात को लेकर विवाद होने के बाद ही दोनों ने गुस्से में यह कदम उठाया। उधर, परिस्थिति के मुताबिक, इस बात की भी पूरी आशंका जताई जा रही है कि किसी बात से नाराज या दुखी होकर पहले महिला सिपाही ने जहर खाकर जान दी। इसके बाद पुरुष सिपाही भी फंदे पर लटक गया। हालांकि, इनमें से किसी भी वजह की पुष्टि नहीं हो सकी।
पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने महिला सिपाही के शव का शहर में ही अंतिम संस्कार कर दिया। सुबह आठ बजे के करीब परिजन शव लेकर रसूलाबाद घाट पहुंचे और फिर वहीं अंतिम संस्कार किया। मृतका के पिता अनूप कुमार तिवारी व अन्य परिजन पहुंचे थे। राजेश के शव को लेकर परिजन मथुरा चले गए। उसके पिता गिरधारी लाल के साथ ही भाई व चाचा समेत अन्य लोग आए थे।
दो सिपाहियों की मौत की खबर पाकर पहुंचे परिजनों ने चुप्पी साधे रखी। उन्होंने इस मसले पर कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। साथ ही किसी तरह का आरोप-प्रत्यारोप भी नहीं किया। पुलिस का कहना है कि कोई तहरीर भी नहीं मिली है।
पोस्टमार्टम हाउस पर मौजूद सिपाही राजेश के पिता गिरधारी लाल व भाई जीतेंद्र फूट-फूटकर रोते रहे। घटना की वजह के बाबत पूछने पर उन्होंने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। राजेश तीन भाइयों में छोटा था। उधर, उसकी पत्नी नीतू भी बदहवास हाल में मोर्चरी पहुंची। पति का शव देखकर वह फूट-फूटकर रोई। उसने भी किसी तरह का कोई आरोप नहीं लगाया। उसके पिता हरिमोहन ने कहा कि जो होना था हो गया, अब कुछ कहने से क्या फायदा। इससे दामाद वापस तो नहीं आएगा। पोस्टमार्टम के बाद शव बाहर निकाला गया तो परिजनों की चीत्कार से कोहराम मच गया।
उधर यह बात सामने आई है कि राजेश की पत्नी तीन दिन पहले ही उससे मिलकर वापस गई थी। सात अप्रैल को वह शहर आई थी और यहीं एक हफ्ते तक रुकी रही। तीन दिन पहले ही वह वापस गई। सूत्रों का यह भी कहना है कि दोनाें के बीच पूर्व में विवाद हुआ था, जिसके बाद मामला मध्यस्थता केंद्र तक पहुंचा था। हालांकि, बाद में दोनों में सुलह हो गई थी और वह एक-दूसरे के साथ रहने को तैयार हो गए थे। एक खास बात यह रही कि राजेश के पिता-भाई और पत्नी अलग-अलग मोर्चरी पहुंचे। पत्नी दोपहर में पहुंची जबकि पिता व भाई सुबह ही आ गए थे। सूत्रों का यह भी कहना है कि यही वजह रही कि राजेश के शव के पोस्टमार्टम में देरी हुई। अन्यथा उसका भी पोस्टमार्टम सुबह ही करा दिया गया होता।
इससे पहले मोर्चरी पहुंचे प्रिया के परिजन भी बिलखते रहे। पिता अनूप कुमार तिवारी ने पुलिस को बताया कि वह बेटी के लिए रिश्ता खोज रहे थे। बेटी ने भी कभी नहीं बताया कि वह किसी बात से परेशान है। राजेश के बारे में भी कभी नहीं बताया। राजेश को वह जानते भी नहीं। बेटी को याद करते हुए उन्होंने बताया कि प्रिया बहुत निडर व हिम्मत वाली थी। कभी वह या घर का कोई अन्य सदस्य किसी बात को लेकर परेशान होता तो वह हिम्मत बंधाती थी।
प्रिया दारागंज स्थित संगम पर्यटन जबकि राजेश एसीपी कोतवाली कार्यालय में तैनात था। दोनों मंगलवार शाम शाहगंज थाने से 500 मीटर दूर स्थित किराये के मकान में मृत मिले। राजेश का शव फंदे पर लटका था जबकि प्रिया पलंग पर मृत पड़ी थी। दरवाजा भीतर से बंद था और खिड़की का ग्रिल काटकर पुलिस भीतर दाखिल हुई। मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला था।

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