प्रयागराज (राजेश सिंह)। थाना सरायममरेज के ग्राम प्रधान मिठूपुर के अवैध खड़ंजा मार्ग बनवाने को लेकर उच्च न्यायालय इलाहाबाद सख्त है। मामले में डीएम प्रयागराज, एसडीएम हंडिया, तहसीलदार हंडिया ने ग्राम प्रधान मिठूपुर को तलब किया है।
पूरा मामला प्रयागराज के थाना सराय ममरेज के मिठूपुर गांव की है। ग्राम प्रधान उदय चंद्र यादव के द्वारा राम मनोहर की भूमिधरी कब्जे की जमीन में राजस्व के अधिकारियों से मिली भगत करके तथा थाना सराय ममरेज के पुलिस बल के द्वारा जबरन 8 जून 2022 को मिट्टी डलवा कर खड़ंजा मार्ग का निर्माण कर दिए थे। साथ ही राम मनोहर को पुलिस के द्वारा हाउस अरेस्ट करके उनका मोबाइल बंद करा दिए और घर के लोगों को कहीं बात करने और कहीं आने-जाने से रोका गया था। जिससे राम मनोहर किसी अधिकारी के पास सूचना न दे सकें। तत्पश्चात प्रधान के इस कृत्यों से आहत होकर पीड़ित ने उच्च न्यायालय के शरण में जाने का निर्णय लिया और उच्च न्यायालय में वाद दाखिल किया। जिसमें उच्च न्यायालय द्वारा 1 अगस्त 2022 को आदेश जारी हुआ की जिलाधिकारी प्रयागराज इस प्रकरण में विधिक जांच कर कार्रवाई करके आंख्या प्रस्तुत करें। परंतु जिलाधिकारी प्रयागराज के द्वारा 2 साल में भी कोई जांच आख्या प्रस्तुत नहीं की गई। इस दौरान ग्राम प्रधान के द्वारा राम मनोहर व उनके घर के लोगों को बार-बार परेशान करते रहे। उनकी आबादी की जमीन को लेखपाल के ऊपर दबाव देकर गलत रिपोर्ट लगवा कर रामवृक्ष पुत्र दुबरी के द्वारा पक्का निर्माण करवा दिया गया। जबकि उसी जमीन का जिला न्यायालय में वाद संख्या 3466/22 विचाराधीन है। इसी तरह राम मनोहर व अन्य के द्वारा पुरानी आवासीय आबादी की बैनामा सन 2008 में श्रीमती सुम्मारी देवी व जिराऊ देवी से करवाया था। जिसमें कच्चा खपरैलदार कमरा, महुआ का पेड़, नीम का पेड़, बांस का कोठ की रजिस्ट्री करवाया था और उसी में एक सरकारी हैंड पंप भी लगा हुआ है। इस जमीन को राम शिरोमणि पुत्र माता शरण व उनके परिवार के द्वारा जबरन कब्जा कराया जा रहा है और हैंडपंप बिगड़ जाने पर राम मनोहर उसको बनवा रहे थे तो ग्राम प्रधान व राम शिरोमणि के द्वारा रोका गया। राम मनोहर उपजिलाधिकारी हंडिया को प्रार्थना पत्र दिया जिस पर वीडियो के द्वारा सेक्रेटरी को मौके पर जांच करने के लिए भेजा लेकिन सेक्रेटरी विवादित जमीन का हवाला देते हुए बनवाने से इंकार कर दिये। ऐसे और अन्य विवादों के माध्यम से ग्राम प्रधान व उनके भाई डॉक्टर विश्राम यादव अपर आयुक्त विंध्याचल मंडल मिर्जापुर के द्वारा अपने पद व प्रभाव के हनक से तहसील व थाने के कर्मचारियों के ऊपर दबाव डालकर परेशान किया गया। राम मनोहर अपनी फरियाद लेकर थाने पर जाते थे लेकिन कोई सुनने के लिए तैयार नहीं था। लेकिन विपक्षियों के दबाव और प्रभाव से राम मनोहर को ही थाने पर बैठाया गया और उनको मारा पीटा गया और 151/107/116 में चालान भी किया गया है। इसी तरह कई बार पुलिस के द्वारा 107/116 में चालान किया गया है। आए दिन पुलिस वाले पीड़ित के घर पर आकर दबिश देते रहे हैं। जिसमें प्रमुख उप निरीक्षक विशाल कुमार गुप्ता रहते हैं। इन्हीं के द्वारा थाने में भी मारा पीटा गया था। राम मनोहर व उनके घर के लोगों को इतना भयभीत कर दिया गया है कि घर छोड़कर भाग जाने की नौबत आ गई है। उसी दौरान ग्राम प्रधान के द्वारा बनवाए गए अवैध खड़ंजा को सी सी रोड बनवा दिये इन्ही सब प्रताड़नाओं को देखकर राम मनोहर ने उच्च न्यायालय के शरण में जाकर अवमानना का वाद संख्या 5173/2024 दाखिल किया। जिस पर उच्च न्यायालय के कोर्ट नंबर 1 के न्यायाधीश सलिल कुमार राय ने सरकारी वकील के प्रार्थना पर 3 तारीखों पर मौका दिया गया जवाब दाखिल करने के लिए परंतु जिलाधिकारी प्रयागराज के द्वारा कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया। जिस पर उच्च न्यायालय द्वारा जिलाधिकारी प्रयागराज, उपजिलाधिकारी हंडिया, तहसीलदार हंडिया, ग्राम प्रधान मीठूपुर को तलब किया गया है। सूत्रों से पता चला है कि ग्राम प्रधान के द्वारा गांव में और अन्य कार्य भी अवैध तरीके से कराया गया है।