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खट्टी मीठी यादों के साथ दो दिवसीय बोलने का मेला संपन्न

 




मेजा, प्रयागराज। ( पवन तिवारी)

बाबा बोलन नाथ धाम का दो दिवसीय ऐतिहासिक मेला खट्टी मीठी यादों के साथ शांतिपूर्ण ढंग से उत्साह पूर्वक संपन्न हुआ। मेले के दूसरे दिन भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। गौरतलब है कि तहसील मुख्यालय मेजा स्थित पहाड़ी के किनारे बसा बाबा बोलन नाथ धाम का दो दिवसीय ऐतिहासिक मेला भादों मास के शुक्ल पक्ष में हरतालिका तीज के बाद पड़ने वाले महा रविवार को होता चला आ रहा है। बाबा बोलन नाथ धाम के संबंध में किंबदंती है कि अज्ञातवास के समय पांडव जब लाक्षागृह से सुरक्षित निकले तो इसी रास्ते से आए थे। जहां भीम का हिडिंब नामक राक्षस से युद्ध हुआ था और उसकी बहन हिडिंबा से भीम ने शादी कर ली। एक साल तक यही  बिताया था। बताते हैं कि भीम ने भाइयों से आगे चलने को कहा और स्वयं राक्षस को मारने चले गए। बताते हैं कि पांडव इसी स्थान पर एक माह तक बैठे रहे। जब एक माह तक भीम नहीं लौटे तो पांडवों ने भीम की मौत हो गई ऐसा मानकर यहीं पर तर्पण किया था। पानी की व्यवस्था न होने के कारण अर्जुन ने बाण मारकर पाताल से पानी निकाला था, जिसे आज बाण गंगा (अर्जुन कुंड)के नाम से जाना जाता है। जहां  बारहों महीने पानी बहता रहता है। मान्यता है कि बाणगंगा से जल लेकर बाबा को जलाभिषेक करने से मनुष्य के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और मुरादे पूरी होती हैं। बुजुर्गों का मानना है कि पूर्व में यहां की मूर्तियां बोलती थी जिससे बोलन नाम पड़ा। यहां के ऐतिहासिक मेले के बारे में लोग बताते हैं कि पहले कभी बड़े क्षेत्र में मेला लगता था चारों तरफ खेत खाली रहने से यहां दंगल, मुर्गे की

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लड़ाई, तीतर की लड़ाई, बिरहा, नजरबंद के अनगिनत खेल, कई प्रकार के झूले, सर्कस और प्रदर्शनियां लगाई जाती थी,लेकिन समय के बदलते दौर में मेला सिकुड़ता गया और भीड़ बढ़ती गई। मेले के महत्व को बढ़ाने और महिलाओं की सुविधा के लिए  2003 में तत्कालीन रामलीला कमेटी के अध्यक्ष योगेश जायसवाल व तत्कालीन प्रधान कमलाशंकर विश्वकर्मा ने कमेटी व ग्रामीणों के सहयोग से 2 दिन का मेला कराने का निर्णय लिया और सफलता भी मिली। आज दोनों दिन मेले में भारी भीड़ इकट्ठा हो रही है। मेले में दूर दराज से आए दुकानदार उसका लाभ

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ले रहे हैं। मौसम साफ होने की वजह से देर शाम तक मेला चलता रहा।  एक ओर जहां दो दिनी मेला में श्रद्धालुओं ने मेले में आए हुए मनोरंजन हेतु वाटर बोट, चकरी झूला, मिक्की माउस, छोटी कार झूला, हवाई झूला, मैजिक डांस, हवाई झूला, ब्रेक डांस, सुपर बोट झूला और रंगारंग कार्यक्रम जैसे कार्यक्रमों का आनंद उठाया। दो दिवसीय मेले में सुरक्षा कर्मियों की बदौलत चोर, उचक्कों, जेबकतरों का दूर दूर तक नाता नहीं रहा। वहीं शिव भक्तों ने दोनों दिन बाबा के पास स्थित पवित्र सरोवर में स्नान कर बाबा को जलाभिषेक कर दर्शन - पूजन किया। मंदिर के पुजारी  राम दास ने बताया कि दो दिन का मेला शांतिपूर्ण सफल रहा। रामलीला कमेटी के अध्यक्ष मनीष गुप्ता सह अध्यक्ष कैलाश गुप्ता और मेला प्रभारी लवकुश व अंकित साहू ने दो दिनी मेला को संपन्न कराने में कमेटी के पदाधिकारियों, सदस्यों और वालंटियर, डीसीपी के सदस्य, स्थानीय पुलिस के सहयोग की सराहना करते हुए आभार व्यक्त किया।

बोलन मेला को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने में जहां कमेटी के वालंटियर, डी सी पी सी के सदस्यों का पूरा सहयोग रहा। वहीं मेजा श्रीगोविन्द यादव के कुशल नेतृत्व में  टीम ने भी मेला को संपन्न कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रामलीला कमेटी के अध्यक्ष मनीष गुप्ता ने लालजी मिश्र, प्रधान प्रतिनिधि जंगी लाल गुप्ता,  राहुल मिश्र, तौलन प्रसाद, मं  संजीव पटेल, आशीष दुबे, राधेश्याम चौरसिया, पंकज मोदनवाल और बंटी पाल आदि लोगों के सहयोग के लिए सराहना की है

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