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नैनी में रामलीला के नाम पर चंदे का धंधा, धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़!


दान में मिली श्रृंगार चौकी का किराया वसूलता है समिति का अध्यक्ष!

नैनी, प्रयागराज (राजेश सिंह)। एक मछली जैसे पूरे तालाब को गंदा कर देती है। उसी तरह रामलीला की आड़ में भगवान राम के नाम पर चंदा वसूली करके एक रामलीला समिति का पदाधिकारी पूरी रामलीलाओं की कार्य प्रणाली और धार्मिक माहौल को गंदा, दूषित और बदनाम कर रहा है। 
सार्वजनिक रामलीला समिति, नैनी, प्रयागराज के अध्यक्ष के बारे में और भी कई नई सनसनीखेज जानकारियां सामने आई हैं। पता चला है कि दानदाताओं के सहयोग से रामलीला के लिए बनाई गई श्रृंगार चौकियों को इसने अपनी निजी प्रॉपर्टी बना दिया है और जहां कहीं भी सार्वजनिक धार्मिक कार्यक्रम होते हैं। उन कार्यक्रमों में सार्वजनिक रामलीला समिति की चौकियों को किराए पर दिया जाता है। चौकियों को किराए पर देकर भारी धन उगाही की जा रही है और इससे होने वाली आय का कोई लेखा-जोखा सार्वजनिक रामलीला समिति के पास नहीं है। 
सार्वजनिक रामलीला समिति, नैनी, प्रयागराज को कुछ लोगों ने भगवान राम के नाम पर चंदा वसूली का माध्यम बना दिया है और ये सब रामलीला की आड़ में जमकर घोटाला करने में लगे हैं। सार्वजनिक रामलीला समिति के कुछ जिम्मेदार पदाधिकारियों ने जब समिति में व्याप्त भ्रष्टाचार का विरोध किया तो इन भ्रष्टाचारियों ने समिति के पूर्व महामंत्री नयन कुमार कुशवाहा एवं उनके साथियों को समिति से ही निकाल दिया। जबकि नयन कुमार कुशवाहा के प्रयासों से ही सार्वजनिक रामलीला समिति द्वारा रामलीला का मंचन शुरू हुआ था। पहले यह रामलीला पीएसी ग्राउंड में होती थी। श्रम विभाग और जिला प्रशासन की अनुमति के बगैर मनमाने तरीके से रामलीला का स्थान बदल दिया गया। अब यह रामलीला लेबर कॉलोनी पुराने रामलीला मैदान में हो रही है। सार्वजनिक रामलीला समिति के एक पदाधिकारी की मनमानी के चलते लेबर कॉलोनी रामलीला स्थल पर भारी उपद्रव होने की आशंका जताई जा रही है। स्थानीय जनता में इतना भारी आक्रोश है कि अगर इन लोगों को यहां पर रामलीला आयोजित करने से नहीं रोका गया तो भारी उपद्रव होने के कारण नैनी क्षेत्र की शांति व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
जय श्री महाकाल सेवा ट्रस्ट के अध्य्क्ष ने बताया है कि सार्वजनिक रूप से ली हुई धनराशि का सार्वजनिक रामलीला समिति के अध्य्क्ष राकेश जायसवाल निजी स्वार्थ के लिए काम में लाते हैं और दान में मिली धनराशि का दुरपयोग करते है। श्रृंगार चौकी को किराये के रूप में देते है । उन्होंने बताया है कि सार्वजनिक रामलीला समिति की चौकी का किराया स्वयं संस्था के पदाधिकारी एवम सदस्यों ने दिया है। रामलीला के समय सभी दुकान लगाने वाले और ठेले वालो से भी धन उगाही का आरोप है। 
जय श्री महाकाल सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री पवन द्विवेदी ने इस संबंध में जिला प्रशासन से हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए उच्च स्तरीय कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा है कि धर्म की आड़ में नैनी क्षेत्र की भोली-भारी जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और रामलीला के नाम पर भारी घोटाला करने वाले असामाजिक तत्वों को रामलीला मैदान पर आने से रोका जाए।

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