इस्तेमाल एक नंबर का है धारक
प्रयागराज (राजेश सिंह)। डीएम बनकर मनकामेश्वर मंदिर के मंहत से धोखाधड़ी करने की कोशिश के मामले में पुलिस ने एक युवक को हिरासत में लिया है। घटना में प्रयुक्त दो अन्य नंबरों में से एक का वह धारक है। हालांकि, प्रारंभिक पूछताछ में उसने खुद को निर्दोष बताया है। उसके बारे में और जानकारी जुटाई जा रही है। सूत्रों का कहना है कि युवक से पूछताछ में उसने इस घटना के संबंध में जानकारी से इन्कार किया। कहा कि उसके नंबर का इस्तेमाल कर फर्जीवाड़ा किया गया। पुलिस इस बात का पता लगा रही है कि उसकी बातों में कितनी सच्चाई है। एक आशंका यह जताई जा रही है कि फर्जीवाड़ा करने वाले ने जिस तरह डीएम के सीयूजी नंबर का इस्तेमाल किया, उसी तरह किसी अन्य नंबर का भी प्रयोग किया हो। हालांकि, यह विस्तृत जांच-पड़ताल के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। इस घटना में कुल तीन नंबरों का इस्तेमाल किया गया। इनमें से एक डीएम प्रयागराज का सीयूजी नंबर था, जबकि दो अन्य थे। खास बात यह कि इनकी भी ट्रू कॉलर आईडी फर्जी नाम से बनाई गई। इनमें से एक नंबर की आईडी एसई यमुनापार और दूसरे की उत्तर प्रदेश कलक्ट्रेट बनाई गई है। आशंका जताई जा रही है कि सामने वाले को दबाव में लेने के लिए ही ऐसा किया गया। फिलहाल, पुलिस अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। डीसीपी नगर अभिषेक भारती ने बताया कि जांच कराई जा रही है। तकनीकी माध्यमों से भी फर्जीवाड़े में लिप्त लोगों की तलाश की जा रही है।
यह है पूरा मामला
डीएम बनकर मनकामेश्वर मंदिर के मंहत से धोखाधड़ी करने की कोशिश का मामला एक दिन पहले सामने आया था। पहले खुद जिलाधिकारी और फिर उनका निजी सचिव बनकर कहा गया कि डीएम साहब के गृह जनपद में मंदिर बन रहा है, इसमें सहयोग दीजिए। चौंकाने वाली बात यह कि महंत के मोबाइल स्क्रीन पर डीएम के सीयूजी नंबर से कॉल आई। पुलिस अज्ञात में रिपोर्ट दर्ज कर जांच में जुटी है।