मेजा, प्रयागराज (श्रीकान्त यादव)। धन की देवी लक्ष्मी का त्यौहार दीपावली को अब पखवाड़े भर शेष रह गया है। इस त्योहार में धन दुगुना करने यानी जुआं में दांव लगाने वालों की संख्या गांवों में अधिक रहती है। जुआ खेलाने वालों का गैंग पूरी तरह से कमर कसकर तैयार हो चुका है। दीपावली पर्व नजदीक आते ही मेजा क्षेत्र में जुआं खेलने का दौर आरंभ हो गया है। पुलिस की सतर्कता के बाद भी जुआरियों ने कई स्थानों पर जुआं खेलने के अड्डे बना रखे हैं। इन अड्डों पर प्रतिदिन लाखों का वारा-न्यारा हो रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मेजा क्षेत्र में जुएं के फड़ धड़ल्ले से सज रहे हैं। क्षेत्र के कई गांवों में जुआरियों का जमावड़ा लगता है। कई बार खेल में जुआरी आपस में पैसे को लेकर भिड़ भी जाते हैं। क्षेत्रीय लोगों ने पुलिस से जुआ खेलने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है।
जुआं होने वाले स्थान से लेकर मौके तक तकरीबन आधा दर्जन वॉच मेन तैनात रहते हैं, जो जुआं खेलाने वाले को मोबाइल पर लाइव रिपोर्टिंग करते हैं। किसी भी संदिग्ध व्यक्ति के जुआं वाले स्थान में घुसने की ताजा जानकारी जुआ संचालक को मोबाइल पर उपलब्ध हो जाती है।
दिलचस्प बात यह है कि वॉचमेन अपने हर जुआरी ग्राहकों को पहचानता है। बिना पहचान का व्यक्ति जुआं वाले स्थान के अंदर घुसते ही जुआरी तीतर बीतर हो जाते हैं।
जुआं अड्डे पर नाश्ता पानी सहित सारी व्यवस्थाएं रहती हैं। जुआरी दांव लगाते हैं और जब उसे जिस चीज की जरूरत होती है वह पा लेता है।
जुआरी अगर मौके पर जुआ में पैसे हार जाता है तो उसे साहूकार ब्याज में पैसे भी उपलब्ध करा देता है। बताया जाता है कि जुआरी को 10 प्रतिशत प्रति दिन के हिसाब से यहां ब्याज पर पैसा मिलता है।
साहूकार अपने परिचित को बिना किसी सामान के पैसे उपलब्ध करा देता है। लेकिन अपरिचित को वाहन या अन्य सामान गिरवी रखना पड़ता है।