मिर्जापुर (राजेश सिंह)। शारदीय नवरात्र के चौथे दिन रविवार को विंध्याचल मंदिर में जूते-चप्पल पहनकर पहुंचने की तीन घटनाएं प्रकाश में आईं। दो मामले में प्रशासन से जुड़े अधिकारियों तथा एक पुलिसकर्मी से संबंधित हैं। यह गलती दिखने पर नगर विधायक रत्नाकर मिश्र ने संबंधित को कड़ी फटकार लगाई। पूरे दिन ये घटनाएं सोशल मीडिया पर ट्रेंड करती रहीं। उधर, जूते पहनकर मंदिर जाने पर एडीओ कृषि को निलंबित कर दिया गया है।
रविवार को अलग-अलग समय पर तीन लोग जूते और चप्पल पहनकर मंदिर में पहुंच गए। पहली घटना भोर में मंगला आरती के आसपास की है। एक श्रद्धालु चप्पल पहनकर मंदिर के गर्भगृह में दर्शन के लिए पहुंच गया। दर्शनार्थी के साथ पुलिस व तीर्थ पुरोहित भी साथ में गए थे, परंतु किसी का ध्यान दर्शनार्थी के चप्पल पर नहीं गया।
सोशल मीडिया पर फोटो वायरल होने लगा। फोटो वायरल होते ही तमाम प्रतिक्रियाएं सोशल मीडिया पर आने लगीं। आश्चर्य तो तब हुआ जब जूता पहनकर मंदिर परिसर में एक सेक्टर मजिस्ट्रेट पहुंच गए। कुछ समय बाद एक पुलिसकर्मी भी मंदिर में जूता पहने हुए दिखे।
मंदिर परिसर में मौजूद लोगों ने मजिस्ट्रेट तथा पुलिसकर्मी को पकड़कर काफी खरी-खोटी सुनाई। जिस पर दोनों ने माफी मांगते हुए अपनी भूल को स्वीकार किया। मंदिर के नीचे उतर गए। कुछ लोगों ने अपनी राय देते हुए कहा कि मंदिर से पहले कॉरिडोर परिपथ में भी जूते, चप्पल पर प्रतिबंध होनी चाहिए। अन्यथा आए दिन लोग लोग चप्पल-जूते पहने ही मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
मंदिर परिसर में होने लगी चर्चा
उधर, रविवार को सेक्टर मजिस्ट्रेट व सहायक विकास अधिकारी (कृषि) सिटी प्रतीक कुमार सिंह विंध्यवासिनी मंदिर परिसर में अपने मूल ड्यूटी वाले स्थल को छोड़कर जूता पहनकर चले गए थे। बताया जा रहा है कि वे अपने जानने वालों को दर्शन करवाने मंदिर गए थे। सेक्टर मजिस्ट्रेट के मंदिर परिसर में जूता पहनकर जाने व अपना ड्यूटी स्थल छोड़कर जाने की घटना का संज्ञान लेकर जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने एडीएम शिव प्रताप शुक्ल को जांच सौंपी।
उनकी जांच रिपोर्ट पर सेक्टर मजिस्ट्रेट को तत्काल प्रभाव से उप निदेशक कृषि विकेश पटेल ने निलंबित कर दिया। उप निदेशक ने बताया कि एडीओ कृषि प्रतीक कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया है।
नवरात्र से पहले विशिष्टजनों को लेकर दर्शन-पूजन कराने के लिए जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन की तरफ से जरूरी दिशानिर्देश जारी किए गए। इसके तहत एक साथ सात वीआईपी को दर्शन-कराने के निर्देश दिए गए। इस निर्देश के बाद नवरात्र के चौथे दिन रविवार को वीआईपी दर्शन करने वालों की भीड़ के चलते व्यवस्था बेपटरी हो गई। विशिष्टजनों की संख्या इतनी ज्यादा हो गई कि आम दर्शनार्थियों की पंक्ति बिल्कुल ठहर सी गई।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन के अधिकारियों के अलावा श्री विंध्य पंडा समाज के पदाधिकारी, नगर विधायक रत्नाकर मिश्र मंदिर परिसर में व्यवस्था संभालने पहुंच गए। विधायक ने आपत्ति जताते हुए कहा कि तय मानक व निर्धारित संख्या के अनुरूप प्रोटोकाल में तैनात प्रशासन के अधिकारियों व पुलिस के साथ ही विशिष्टजन दर्शन के लिए जाएंगे। इस व्यवस्था दुरुपयोग होने पर तीर्थ पुरोहित भी उनसे पूछताछ करके उन्हें रोक सकते हैं।