मिर्जापुर में महिला पत्रकार ने आत्महत्या की मांगी अनुमति
जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर कहा- न्याय नहीं मिला तो फांसी लगा लूंगी
पुलिस पर मारपीट का लगाया आरोप
मिर्जापुर (राजेश सिंह)। मिर्जापुर में एक महिला पत्रकार ने पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। महिला पत्रकार ने प्रशासन से आत्महत्या की अनुमति मांगी है। चुनार की रहने वाली महिला पत्रकार सरिता सिंह पुलिसिया उत्पीड़न से तंग आकर सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंची और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
इसके बाद कलेक्ट्रेट परिसर में ही फांसी का फंदा लगाकर बैठ गईं। डीएम को सौंपे ज्ञापन में उन्होंने कहा कि न्याय अगर नहीं मिला तो वह फांसी लगाकर जान दे देंगी और इसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।
महिला पत्रकार सरिता सिंह ने बताया कि 20 नवंबर को मझवां विधानसभा के उपचुनाव का समाचार कवर करने के लिए वह कछवां के जलालपुर गांव में गई थीं। जहां पर कुछ मतदाताओं को मतदान करने नहीं दिया जा रहा था। सरिता उनसे बयान ले रही थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि इसी दौरान कछवां थानेदार, एक दारोगा, चार सिपाही पहुंचे और उन्हें मारते-पीटते हुए जीप में बैठा लिए।
इसके बाद थाने ले जाकर उनकी पिटाई की गई। फिर देर रात उन्हें जलालपुर के पास लाकर छोड़ा गया। दूसरे दिन उन्होंने मेडिकल कॉलेज मिर्जापुर के अस्पताल में जाकर इलाज कराया। साथ ही जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा था।
'पुलिस ने बदनाम करने की साजिश रची'
एडीएम वित्त एवं राजस्व ने मामले की जांच एडिशनल एसपी को सौंपी थी। इसी बीच 22 नवंबर की रात एक पुरुष व एक महिला सिपाही उनके घर पहंचे। दोनों ने सरिता को बुलाया कि कुछ बात करनी है। फिर बाइक पर बैठाकर कुछ दूर ले गए। वहां उनके पास एक बोरी में गांजा रखकर फोटो खींचने लगे। इसके बाद एक सिपाही उनके हाथ में तमंचा देकर फोटो खींचने लगा।
सरिता का आरोप है कि सिपाही ने उनसे कहा कि पत्रकारिता की आड़ में गांजा बेचती है। यह सुनकर वह शोर मचाने लगीं तो आरोपित पुलिसकर्मी वहां से भागने लगे। इसी बीच महिला पुलिसकर्मी का टोपी व मार्क्स वहां गिर गया।
सरिता ने आत्महत्या की प्रशासन को दी चुनौती
सरिता का कहना है कि पुलिस का ये कृत्य देखकर उन्हें बहुत दुख हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस उन्हें फर्जी मुकदमे में फंसाने व एनकाउंटर करने का प्रयास कर रही है, इसलिए उन्हें न्याय दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिलता तो वह फांसी लगाकर अपनी जान दे देंगी।