कुम्भनगर (जितेन्द्र शुक्ला)। पूज्य गुरुदेव स्वामी कृष्णानंद जी महाराज ने सद्विप्र समाज सेवा ध्यान योग शिविर सेक्टर नंबर 6 में आशीर्वचन में बताया कि व्योहार कुशल ही व्यक्ति ही परमार्थ में भी कुशल हो जाता है। सबका सुनना ही न सुनना और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना साधक का प्रथम कर्तव्य होता है। अतः आप सभी इस आध्यात्मिक कुंभ मेला में अपने मन को जो कुछ गलत किया है क्षमा याचना कर साफ कर ले , भगवत भजन में,कीर्तन में लग जाय तो आपको अभीष्ट लक्ष्य की प्राप्ति हो जायेगी। सेवा,सत्संग सुमिरन ही मनुष्य को आध्यात्मिक जगत के साथ साथ भौतिक जगत में सफल बनाती है। भावन को स्वच्छ रखना होगा। दीक्षा तथा शिक्षा में समन्वय बनाना होगा। अपनी आकांक्षा को क्षण भर के लिए छोड़ दे ,अभिमान हटा दे तो आप सभी ब्रह्म ज्ञान को उपलब्ध हो जायेगे। आचार्य जनेश्वर स्वामी ने गुरु महिमा तथा महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष अनंत चापके ने सतगुरु की ऊर्जा ही सब कार्य करा लेती है । कार्यक्रम में वीर भद्र प्रताप, आचार्य कुणाल स्वामी, विनोदानंद स्वामी सहभागिता बनी रहती हैं।