जयपुर। राजस्थान में सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी के बाद हुए हंगामे और कांग्रेस के छह विधायकों के निलंबन के बाद बना गतिरोध रविवार को तीसरे दिन भी बरकरार रहा।
विधायकों ने शनिवार को लगातार दूसरी रात भी सदन में ही गुजारी। रविवार को तीसरे दिन भी धरना जारी रहा। मंत्री के माफी मांगने और विधायकों का निलंबन वापस लेने पर अड़ी सोमवार को विधान सभा का घेराव करेगी। सदन में ही कांग्रेस विधायक दल की बैठक में घेराव की तैयारियों पर चर्चा हुई।
मंत्रियों से विधायकों ने की मुलाकात
जिला कांग्रेस कमेटियों को घेराव में भीड़ जुटाने का जिम्मा सौंपा गया है। इसके पहले शनिवार रात को सरकार की ओर से दो मंत्रियों ने कांग्रेस विधायकों से वार्ता की, लेकिन समझौता नहीं हो सका। जानकारी के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष चाहते हैं कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा माफी मांगें।
विधानसभा में हंगामे के दौरान डोटासरा विधायकों के साथ अध्यक्ष की टेबल तक पहुंच गए थे और आक्रामक इशारे किए थे। अध्यक्ष ने इसे आसन का अपमान माना है। उधर, कांग्रेस विधायक पहले मंत्री गहलोत के माफी मांगने की बात कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि 21 फरवरी को प्रश्नकाल के दौरान गहलोत ने एक सवाल के उत्तर के दौरान इंदिरा गांधी पर टिप्पणी करते उन्हें कांग्रेसियों की दादी बताया था। मंत्री की इस टिप्पणी के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने हंगामा किया था। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित हुई।
इसके बाद भी शांति नहीं हुई तो छह विधायकों के निलंबन के साथ सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। उधर कांग्रेस विधायकों के धरने में पूर्व सीएम अशोक गहलोत व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट का नहीं पहुंचना भी चर्चा का विषय बना हुआ है।