श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के सप्तम दिवस
मेजा, प्रयागराज (विमल पाण्डेय)। श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के सप्तम दिवस सोमवार को वृंदावन धाम से पधारे कथा व्यास आचार्य पंडित अजय कृष्ण शास्त्री जी महाराज ने सोरांव गांव निवासी मुख्य यजमान शशिकांत शुक्ल सपत्नीक पूर्व प्रधान श्रीमती कुसुम शुक्ला के आवास पर चल रहे श्री मद्भागवत कथा को विस्तार दिया। इससे पूर्व मुख्य यजमानद्वय द्वारा भागवत भगवान् की आरती उतारी।
हमारो धन राधा..राधा...राधा।। गीत से श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।
परमहंस शुकदेव जी महाराज ने राजा परिक्षित को बताया कि श्रीकृष्ण के घर प्रदुम्न का जन्म हुआ है। समरासुर, प्रदुम्न को उठा ले गया और मछली के सामने छोड़ दिया। मछुआरों ने मछली से प्रदुम्न को छुड़ा लिया। बड़े होकर प्रदुम्न जी ने समरासुर का वध कर दिया।
इसके पश्चात शुकदेव जी ने समनांतक मणि और भगवान श्रीकृष्ण पर कलंक लगने की कथा का श्रवण पान कराते हुए जामवंत और श्रीकृष्ण के बीच द्वंद्व युद्ध सहित जामवंत की पुत्री जामवंती और श्रीकृष्ण, उसके पश्चात सत्यभामा, सूर्य पुत्री कालिंदी से विवाह, मृतविंदा, सत्या, भद्रा, लक्ष्मणा, व भौमासुर को यमलोक भेजकर कारागार में बंद 16 हजार एक सौ हजार गोपियों से व्याह के पश्चात 16108 व्याह से जुड़ी कथा का रसपान कराया। शुकदेव जी ने बताया कि श्रीकृष्ण ने पांडवों के राजसूय यज्ञ में शामिल होने और जरासंध को भीम से मल्ल युद्ध करवाकर मृत्यु दिलाकर श्रीकृष्ण ने राजसूय यज्ञ को निष्कंटक बना दिया। इसके पश्चात कृष्ण-सुदामा के मिलन की मार्मिक कथा का श्रवण पान कराया। आयोजक मंडल द्वारा कृष्ण-सुदामा के मिलन का भावपूर्ण मंचन किया गया।
कथा के दौरान कुलगुरु पंडित दिनेश कुमार पांडेय, पुरोहित पंडित सुरेश चंद्र शुक्ल, देवरहा बाबा आश्रम से अशोक प्रपन्नाचार्य के नेतृत्व में संगीतमयी कथा शुभारम्भ हुआ। कथा के दौरान नेब्बू लाल मिश्र उर्फ डाढ़ी बाबा, रामचंद्र शुक्ल, बालकृष्ण शुक्ल, अखिलेश अवस्थी, सबल तिवारी, सर्वेश तिवारी उर्फ रामू, रामराज गुप्ता, घनश्याम प्रजापति, दिनेश जायसवाल, नरेंद्र कुमार शुक्ल, नंदन मिश्र सहित भारी संख्या में ग्रामीण महिला पुरुषों ने कथा श्रवण किया। सप्तम दिवस की कथा विराम के पश्चात आयोजकगण शिवाकांत शुक्ल, विमल कांत शुक्ल, विनय कुमार शुक्ल, राजीव कान्त शुक्ल आदि ने श्रोताओं को प्रसाद वितरित किया।