बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने शुक्रवार को सरकार का बजट पेश किया। सीएम ने बजट में मुस्लिमों के लिए कई घोषणाएं की। सीएम ने एलान किया कि सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों में से 4 प्रतिशत अब श्रेणी-प्प् बी के तहत मुसलमानों के लिए आरक्षित होंगे।
सरकार ने कहा कि मुस्लिम लड़कियों के लिए 15 महिला कॉलेज खोले जाएंगे। इसका निर्माण वक्फ बोर्ड की ही जमीन पर किया जाएगा, लेकिन सरकार इस पर पैसा खर्च करेगी। मुस्लिम समेत अल्पसंख्यकों की शादियों के लिए 50 हजार रुपये की सहायता। वक्फ संपत्तियों और कब्रिस्तानों के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सरकार 150 करोड़ रुपये देगी। मुस्लिम सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए 50 लाख रुपये। मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में नए आईटीआई कॉलेज की स्थापना, केईए के तहत मुस्लिम छात्रों के लिए 50 प्रतिशत शुल्क रियायत दी जाएगी। इसके अलावा, उल्लाल शहर में मुस्लिम लड़कियों के लिए आवासीय पीयू कॉलेज, मुस्लिम छात्रों के लिए राष्ट्रीय और विदेशी छात्रवृत्ति में वृद्धि, अतिरिक्त इमारतों के साथ बेंगलुरु के हज भवन का विस्तार, मुस्लिम छात्राओं के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
ये बड़े फैसले भी लिए गए
मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक के मल्टीप्लेक्स में मूवी टिकट की कीमत 200 रुपये होगी। मेट्रो नेटवर्क का केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक विकास किया जाएगा। नाबार्ड के सहयोग से मैसूर में रेशम कीट बाजार की स्थापना होगी। वहीं, शहरी विकास के लिए महानगर पालिका को 2 हजार करोड़ का आवंटन किया गया।
अमित मालवीय ने किया तंज
भाजपा नेता अमित मालवीय ने कांग्रेस सरकार के बजट में आरक्षण के फैसले का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि यह अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अधिकारों को कमजोर करता है। मालवीय ने तर्क दिया कि धर्म के आधार पर आरक्षण प्रदान करना असंवैधानिक है और ऐसे उपायों की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की कार्रवाई इन समुदायों के अधिकारों को कमजोर करने की उनकी व्यापक रणनीति का हिस्सा है। भाजपा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया पर ष्हलाल बजटष् पेश करने का आरोप लगाया है। भाजपा ने कहा कि ये कांग्रेस के तुष्टीकरण का चरम रूप है। पार्टी ने बजट की आलोचना करते हुए कहा कि इसमें मुस्लिम समुदाय को लाभ पहुंचाने वाले प्रावधानों पर ज्यादा ध्यान दिया गया है, जबकि एससी, एसटी और ओबीसी जैसे अन्य हाशिए पर पड़े समूहों की जरूरतों को नजरअंदाज किया गया है। बीजेपी ने इसे ‘घोटाला’ करार दिया है और कांग्रेस पर राज्य के संसाधनों के साथ वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया है।