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यूपी बोर्डः अब आसान नहीं होगा टॉपर बनना

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प्रयागराज (राजेश सिंह)। हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराने के बाद यूपी बोर्ड अब परीक्षाफल तैयार कराने की ओर तेजी से बढ़ा है। पिछले वर्षों में कुछ उत्तरपुस्तिकाओं के पेजों पर दिए गए अंकों के योग एवं मूल्यांकन में गड़बड़ी के कारण अंक संशोधित कर चुका बोर्ड इस बार परीक्षाफल घोषित करने के पूर्व अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है।

इसके लिए बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने अंकों के आधार पर हर विषय की टाप 500 उत्तरपुस्तिकाओं, जिनमें सर्वाधिक अंक दिए गए हैं, के परीक्षण का निर्णय लिया है। किसी तरह की त्रुटि मिलने पर उसे संशोधित तो कराया ही जाएगा, साथ ही मूल्यांकन करने वाले परीक्षक के विरुद्ध कार्यवाही भी सुनिश्चित की जाएगी।

हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की 2.84 करोड़ उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुचितापर्ू्ण ढंग से कराने के लिए बोर्ड सचिव ने किसी भी परीक्षक को एक दिन में हाईस्कूल की 50 और इंटरमीडिएट की 45 से ज्यादा उत्तरपुस्तिकाएं आवंटित नहीं करने के निर्देश दिए थे।

दो अप्रैल को पूरा हो गया उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन

19 मार्च से आरंभ हुआ उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन तय अवधि दो अप्रैल को पूरा हो गया। उत्तरपुस्तिकाओं में परीक्षार्थियों को प्रदान किए गए अंक संबंधित फर्मों को भेजे जा चुके हैं। हाईस्कूल में ओएमआर शीट पर हुई परीक्षा का मूल्यांकन भी पूर्ण हो चुका है।

इंटरमीडिएट प्रायोगिक परीक्षा के छूटे परीक्षार्थियों के अलावा अन्य के अंक पहले ही भेजे जा चुके हैं। इस तरह परीक्षाफल तैयार किए जाने की प्रक्रिया चल रही है। अंकों का अनुक्रमांकवार निर्धारण हो जाने पर यूपी बोर्ड अंकों के आधार पर हर विषय के टाप 500 परीक्षार्थियों की उत्तरपुस्तिकाओं का क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से परीक्षण कराएगा।

बोर्ड नहीं चाहता कि किसी तरह की त्रुटि होने पर परीक्षाफल घोषित किए जाने के बाद परीक्षार्थी संशोधन कराने के लिए भटकें या फिर कोर्ट जाएं और बोर्ड को असहज स्थिति का सामना करना पड़े। त्रुटि मिलने पर उत्तरपुस्तिका का परीक्षण करने वाले परीक्षक को कार्य में लापरवाही मानते हुए परीक्षा कार्य से डिबार किया जाएगा।


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