प्रयागराज (राजेश सिंह)। बमरौली एयरपोर्ट से महाकुंभ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं को ले जाने के लिए दो कंपनी ने हेलीकॉप्टर सेवा शुरू की थी। इसमें एक ने उप्र में जीएसटी पंजीकरण नहीं कराया और मेला समाप्त होने के बाद यहां से निकल गई।
इसकी आहट एसजीएसटी के अधिकारियों को मिली तो जांच पड़ताल शुरू हुई और फिर 17 लाख की कर चोरी का पता चला। कंपनी के अधिकारियों को नोटिस दिया गया, जिस पर शुक्रवार को कंपनी द्वारा 17 लाख रुपये का भुगतान किया गया।
फ्लाई ओला कंपनी ने दो हेलीकॉप्टर सेवा शुरू की थी
श्रद्धालुओं को महाकुंभ मेला के भ्रमण के लिए फ्लाई ओला कंपनी ने दो हेलीकॉप्टर सेवा शुरू की थी। इसमें एक में तीन व दूसरे में छह श्रद्धालु सवार हो सकते थे। बमरौली एयरपोर्ट परिसर से यह श्रद्धालुओं को लेकर उड़ान भरता और बोट क्लब पर बने हेलीपैड पर उतारता था। यहां से पुनरू श्रद्धालुओं को बमरौली एयरपोर्ट ले जाया जाता था।
ज्वॉइंट कमिश्नर ने ऑनलाइन दस्तावेजों को खंगाला
फरवरी के दूसरे सप्ताह में राज्य जीएसटी के ज्वॉइंट कमिश्नर शक्ति प्रताप सिंह ने ऑनलाइन इस कंपनी के दस्तावेजों को खंगाला। इसमें पाया गया कि कंपनी ने हरियाणा में पंजीकरण करा रखा था, जबकि उप्र में रजिस्ट्रेशन नहीं था। जिस पर उन्होंने असिस्टेंट कमिश्नर राजेंद्र यादव, राजेश सिंह व अरविंद कुमार को लगाया।
अधिकारियों ने एक-एक बिंदु की जांच करते हुए कंपनी के अधिकारियों से बातचीत की। हालांकि, कंपनी के अधिकारी गोलमोल जवाब देते रहे। इसके बाद दस्तावेजों को एकत्र किया गया। इसमें एयरपोर्ट व एयर ट्राफिक कंट्रोल से कंपनी के हेलीकॉप्टरों ने कितनी बार उड़ान भरी, इसका डाटा लिया गया।
17 लाख की कर चोरी की गई
यूपी ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड से कुछ दस्तावेज लिए गए। इसके बाद अप्रैल के प्रथम सप्ताह में कंपनी के अधिकारियों से पुनरू बातचीत करते हुए अधिकारियों ने दस्तावेजों को दिखाया। यह भी बताया गया कि 17 लाख की कर चोरी की गई है।
अधिकारियों ने कर को कंपनी से जमा करवाया
ज्वॉइंट कमिश्नर शक्ति प्रताप सिंह ने बताया कि कंपनी ने उप्र में जीएसटी पंजीकरण नहीं कराया था, जबकि हेलीकाप्टर का संचालन यहां से किया जा रहा है। महाकुंभ के दौरान कंपनी ने तीन करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की, लेकिन एक भी रुपये टैक्स जमा नहीं किया था। जांच के बाद 17 लाख की कर चोरी पकड़ी गई, जिसे कंपनी के अधिकारियों ने शुक्रवार को जमा करा दिया।