14 दिन से कर रहा इंतजार
प्रयागराज (राजेश सिंह)। कानपुर के रहने वाले प्राथमिक स्कूल शिक्षक सत्यम को रेलवे की घोर लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। बिहार में अपने स्कूल आने-जाने के लिए बाइक की जरूरत थी, इसलिए उन्होंने 20 जून को कानपुर से किशनगंज रेलवे स्टेशन के लिए बाइक ट्रेन पार्सल से बुक की, लेकिन 14 दिन तक बाइक लोड नहीं हुई और 435 रुपये अतिरिक्त शुल्क वसूलने के बावजूद रेलवे ने कैंसिलेशन से इनकार किया।
बार-बार शिकायतों के बाद चार जुलाई को बाइक लोड हुई, लेकिन किशनगंज में उतारने के बजाय उसे असम भेज दी गई। रेलवे ने अब बाइक वापस लाने का आश्वासन दिया है, लेकिन सत्यम की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही। उन्होंने बताया कि बाइक के बिना स्कूल जाना मुश्किल हो रहा है। आर्थिक और मानसिक परेशानी के बीच वे हर जगह गुहार लगा रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
शनिवार को जीएम एनसीआर उपेंद्र चंद्र जोशी ने मामले को संज्ञान लिया और कार्रवाई का निर्देश दिया तो डीआरएम प्रयागराज रजनीश अग्रवाल और डीआरएम कटिहार सक्रिय हुए। डीआरएम कटिहार ने माफी मांगते हुए मामले की जांच और समाधान का भरोसा दिया। रेलवे ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताकर जवाबदेही तय करने की बात कही, लेकिन सत्यम को बाइक कब मिलेगी, यह अनिश्चित है। दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए सत्यम ने बताया कि डीआरएम कटिहार से फोन पर वार्ता हुई है, उन्होंने कहा है कि रविवार तक बाइक को किशनगंज में उतार ली जाएगी। सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। समस्या दूर करने के लिए निर्देश दिया गया है।
यह कोई पहला मामला नहीं है, जब रेलवे के पार्सल विभाग ने बुकिंग के बाद समान सही जगह भेजने की जगह दूसरे स्थान पर भेज कर ग्राहक के लिए मुसीबत खड़ी कर दी। मई महीने में आजम नकवी में कानपुर से बुलंदशहर के लिए एक एसी यूनिट का पार्सल बुक किया था। हालांकि पार्सल बुलंदशहर पहुंचने के बजाय पहले मेरठ और फिर प्रयागराज भेज दिया गया था। इसी तरह सीआइएसएफ के जवान उड़ीसा के रहने वाले सीआइएसएफ जवान अबिनाश सी. ने अपनी मोटरसाइकिल को सात मई को कानपुर से गया के लिए बुक किया था। लेकिन बाइक कोलकाता पहुंच गई थी।