प्रयागराज (राजेश सिंह)। केरल ले जाकर धर्मांतरण के बाद जिहादी प्रशिक्षण का दबाव बनाने के मामले में कोर्ट के सामने पीड़ित किशोरी का बयान मंगलवार को दर्ज हुआ। इसके बाद अब मामले में जल्द ही धर्मांतरण की धारा बढ़ाई जा सकती है। बरामदगी के बाद पीड़िता को वन स्टाॅप सेंटर में रखा गया था। मंगलवार दोपहर पुलिस सुरक्षा में उसे कोर्ट के समक्ष ले जाया गया, जहां उसका बयान दर्ज हुआ। फिलहाल यह नहीं पता चल सका है कि उसने कोर्ट के समक्ष बयान में क्या कहा।
सूत्रों का कहना है कि पीड़िता पुलिस के समक्ष दिए अपने बयान पर कायम रहती है तो यह आरोपियों के खिलाफ बड़ा सबूत होगा। इसके तहत मामले में उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) अधिनियम की धाराएं भी जोड़ी जा सकती हैं। फिलहाल मामला नाबालिग के अपहरण, आपराधिक षडयंत्र और एससी एसटी एक्ट के तहत दर्ज किया गया है।
दोनों आरोपियों को भेजा गया जेल
किशोरी के धर्मांतरण व जिहादी प्रशिक्षण का दबाव बनाने में गिरफ्तार दोनों आरोपी दरकशा और कैफ को मंगलवार को जेल भेज दिए गए। फूलपुर पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश किया जहां रिमांड मंजूर कर कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। फूलपुर पुलिस ने बताया कि आरोपियों को कड़ी सुरक्षा में नैनी जेल में दाखिल करा दिया गया है।
कहती थी... इस्लाम अपनाओ, पैसे मिलेंगे
जांच पड़ताल में यह बात सामने आई है कि किशोरी को पैसों का लालच देकर बहलाया-फुसलाया गया और फिर उसे केरल ले जाकर धर्मांतरण कराया गया। किशोरी ने पुलिस के समक्ष अपने बयान में बताया है कि दरकशा उसे अक्सर कहती थी कि वह अगर इस्लाम अपना ले तो खूब पैसे मिलेंगे। यही नहीं वह बार-बार इस्लाम को अन्य धर्मों से अच्छा बताती थी।
आठ मई की रात पीड़िता कोटेदार के घर आयोजित शादी समारोह में जा रही थी। इस दौरान उसे रास्ते में मिली दरकशा नौकरी और निशुल्क रहने खाने का झांसा देकर अपने साथ ले गई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, किशोरी ने यह भी बताया है कि जहां उसे ले जाया गया, वहां बहुत सारे मुस्लिम लड़के थे।
सामान्य परिवार से है आरोपी दरकशा पर शौक महंगे, अब घर पर लगा ताला
उधर, आरोपी दरकशा की गिरफ्तारी के बाद से उसके फूलपुर स्थित घर पर ताला लटका हुआ है। किशोरी के परिजनों का आरोप है कि दरकशा बेहद सामान्य परिवार से थी, लेकिन उसके शौक महंगे थे। वह महंगे रेस्टोरेंट में जाती थी। एक बार किशोरी को भी अपने साथ ले गई थी। इसका पता चलने पर परिजनों ने किशोरी के उससे मिलने जुलने पर रोक लगा दी थी।
एटीएस ने फूलपुर थाने में आरोपियों से तीन घंटे पूछताछ
किशोरी को केरल ले जाकर जबरन धर्मांतरण कराने और फिर जिहादी प्रशिक्षण का दबाव बनाने के मामले में एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने भी जांच शुरू कर दी है। दोनों आरोपियों दरकशा बानो और कैफ से एटीएस अफसरों ने मंगलवार को फूलपुर थाने में तीन घंटे तक गहन पूछताछ की। एटीएस अंतरराष्ट्रीय कट्टरपंथी नेटवर्क कनेक्शन के बाबत जानकारी जुटाने में लगी है।
पूछा, कैसे संपर्क में आई
पूछताछ के दौरान एटीएस अधिकारियों ने दरकशा से कई अहम सवाल किए, जिनमें यह जानने की कोशिश की गई कि केरल में वह किसके संपर्क में रही। साथ ही यह भी पूछा कि वहां किन-किन संदिग्ध व्यक्तियों से उसकी मुलाकात हुई।
यह सवाल भी पूछा कि उन लोगों से संपर्क किसके माध्यम से हुआ। किशोरी को जिहादी विचारधारा से जोड़ने की योजना किसने बनाई, एटीएफ अफसरों ने इस बाबत भी जानकारी हासिल की। कैफ से भी उसकी भूमिका, संपर्कों को लेकर सवाल किए गए।
अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन तो नहीं
एटीएस को आशंका है कि मामला किसी अंतरराष्ट्रीय रेडिकल इस्लामिक नेटवर्क से जुड़ा तो नहीं। यह ऐसा नेटवर्क हो सकता है जो विशेष रूप से नाबालिग, गरीब और असहाय लड़कियों को निशाना बनाकर उन्हें धर्म परिवर्तन के जरिए कट्टरपंथी गतिविधियों में धकेलने की साजिश रचता है।
साथ ही यह भी आशंका है कि इसकी फंडिंग किसी दूसरे देश से हो रही हो। फिलहाल, इस मामले में एटीएस अफसर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। हालांकि, एक स्थानीय अफसर ने बताया कि जानकारी जुटाई जा रही है।
मोबाइल, वित्तीय लेनदेन की भी होगी पड़ताल
सूत्रों का कहना है कि एटीएस ने आरोपियों के मोबाइल, सोशल मीडिया, यात्रा रूट, वित्तीय लेनदेन आदि की गहन जांच शुरू कर दी है। यदि अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क से संबंध की बात सामने आती है तो इस मामले में एनएसए आदि की भी कार्रवाई की जा सकती है।