प्रयागराज (राजेश सिंह)। यूइंग क्रिश्चियन महाविद्यालय में गत वर्षों की भाँति इस वर्ष भी 10 से 12 सितम्बर तक राजभाषा पखवाड़े का आयोजन हर्षाेल्लास के साथ किया गया। इस अवसर पर विविध प्रतियोगिताओं, विशेष व्याख्यान, पुरस्कार वितरण तथा पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की।
पहले दिन श्रुतलेख प्रतियोगिता का आयोजन हुआ, जिसमें अनेक छात्रों ने भाग लिया। जिसमें गरिमा शुक्ला ने प्रथम, योशिता मिश्रा ने द्वितीय तथा अंशिका सिंह ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
दूसरे दिन को वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें आर्या राजपूत ने प्रथम, श्रेयश खरे ने द्वितीय तथा तनुश्री ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। शशांक मिश्र सर्वश्रेष्ठ प्रश्नकर्ता रहे। इसी दिन द्वितीय सत्र में गीत-संगीत प्रतियोगिता में जाह्नवी चौबे ने प्रथम, पावनी सिंह ने द्वितीय तथा पायल कुमारी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया, जबकि कात्यायनी एवं अमन तारणेकर को सांत्वना पुरस्कार मिला।
तीसरे दिन को पखवाड़े का समापन कार्यक्रम टूकर हॉल में संपन्न हुआ।जिसमें प्रख्यात विद्वान प्रो. संतोष भदौरिया ने गाँधी और हिन्दी विषय पर विशेष व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों को केवल औपचारिकता या रस्म की तरह न मानकर सांस्कृतिक उत्सव की तरह मनाना चाहिए। गाँधी जी का संपूर्ण व्यक्तित्व समाज और संस्कृति से निर्मित था। यदि आप अन्याय के विरुद्ध हैं तो आप गाँधी के साथ हैं,यदि आप सत्य के पक्षधर हैं तो भी गाँधी के साथ हैं। उनकी आवाज़ भले ही ऊँची न थी, किंतु वह दूर तक पहुँची। गाँधी के पास केवल ‘आइडिया ऑफ़ इंडिया’ ही नहीं, बल्कि एक सशक्त शिक्षा-नीति भी थी। उन्होंने बल देकर कहा कि हिन्दी किसी उधार की नहीं, बल्कि हमारी अपनी भाषा है और इसे हमें आत्मगौरव के साथ अपनाना चाहिए।
इसके पश्चात द्वितीय सत्र में पुरस्कार वितरण समारोह संपन्न हुआ। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए. एस. मोसेस मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।अतिथियों ने विजेताओं को पुरस्कार एवं प्रमाणपत्र प्रदान किए और विद्यार्थियों को आगे भी इसी तरह उत्साहपूर्वक शैक्षणिक-सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का संचालन तनुश्री ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सुदीप तिर्की ने किया। इस अवसर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग से डॉ. प्रचेतस, महाविद्यालय के संस्कृत विभाग से डॉ. अरुणेय मिश्र, हिन्दी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. गजराज पटेल एवं डॉ. पद्मभूषण प्रताप सिंह, डॉ. अंजनी कुमार मिश्रा, वाणी प्रकाशन से विनोद तिवारी, नीतीश तथा महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालय से सैकड़ों विद्यार्थी एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।