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रूस के विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू की संभावनाएं तलाशेगा हिंदी विश्वविद्यालय

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प्रयागराज (राजेश सिंह)। रूस की राजधानी मॉस्को में 3 से 7 सितंबर 2025 तक आयोजित 38वें मॉस्को अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले (एमआईबीएफ) में भारत को विशेष रूप से अतिथि देश (गेस्ट ऑफ ऑनर कंट्री)  के रूप में आमंत्रित किया गया। इस अवसर पर भारत से गए प्रतिनिधि मंडल में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा की कुलपति प्रो. कुमुद शर्मा भी शामिल रहीं। पांच दिवसीय इस पुस्तक मेले में भारत का केंद्रीय मंडप विशेष आकर्षण का केंद्र रहा, जिसकी थीम थी पढ़ें और जानें भारत भारत मंडप में भारतीय कला, साहित्य, सिनेमा और संस्कृति के विविध पहलुओं पर भारतीय एवं रूसी विद्वानों के बीच गहन विचार-विमर्श हुआ।

प्रो. कुमुद शर्मा ने बताया कि मेले में भारत की ओर से 2,500 से अधिक पुस्तकों का प्रदर्शन किया गया, जिनमें हिंदी, अंग्रेजी, बांग्ला, तमिल सहित अनेक भारतीय भाषाओं की प्रतिनिधि कृतियाँ शामिल थीं। भारत की बहुभाषिक साहित्यिक परंपरा को दर्शाने वाले इन प्रकाशनों ने रूसी पाठकों का विशेष ध्यान आकर्षित किया। इस आयोजन का एक प्रमुख आकर्षण रहा 22 भारतीय पुस्तकों का रूसी भाषा में अनुवाद और उनका विमोचन। इस पहल ने भारत और रूस के बीच साहित्यिक एवं सांस्कृतिक रिश्तों को और अधिक सुदृढ़ किया।

प्रो. शर्मा ने बताया कि रूसी विद्यार्थियों में हिंदी भाषा सीखने की बढ़ती रुचि को देखते हुए महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा अब रूस के विश्वविद्यालयों के साथ उच्च शिक्षा के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन (एमओयू) की संभावनाएं तलाश रहा है। उन्होंने कहा कि भारत और रूस के रिश्ते सांस्कृतिक और साहित्यिक दृष्टि से हमेशा गहरे और मजबूत रहे हैं। यही कारण है कि इस आयोजन  में भारत की प्रस्तुति को व्यापक सराहना मिली।

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