प्रयागराज (राजेश सिंह)। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को जमानत दे दी है। इरफान के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। न्यायमूर्ति समीर जैन ने इरफान के अलावा उनके भाई रिजवान और इजराइल आटे वाला को भी जमानत दी है।
इरफान कानपुर की सीसामऊ सीट से विधायक थे। सजा के बाद उनकी विधायकी चली गई थी। उपचुनाव में इरफान की पत्नी ही विधायक चुनी गई थीं। इरफान सोलंकी पिछले 24 महीनों से महाराजगंज जेल में बंद हैं, जबकि अन्य आरोपित कानपुर जेल में हैं।
हाई कोर्ट ने तीनों आरोपितों की जमानत अर्जी पर एक साथ सुनवाई की और बहस पूरी होने के बाद गत दो सितंबर को फैसला सुरक्षित कर लिया था। आरोपितों पर कानपुर नगर के जाजमऊ थाने में गैंग्सटर एक्ट के तहत दिसंबर 2022 में मुकदमा दर्ज किया गया। जमानत के समर्थन में कहा गया था कि इरफान सोलंकी के विरुद्ध राजनीतिक रंजिश के कारण मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। तीनों आरोपितों को अन्य सभी मुकदमों में जमानत मिल चुकी है। ऐसे में गैंग्सटर एक्ट के मामले में भी जमानत दी जाए। कोर्ट ने तथ्यों पर विचार के बाद जमानत दे दी।
इरफान को कानपुर में नजीर फातिमा के घर में आगजनी के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने सात जून 2024 को सात साल की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट ने इस मामले में 14 नवंबर 2024 को जमानत तो दी थी, लेकिन सजा पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया था, इसके चलते उनकी रद की गई विधायकी बहाल नहीं हो सकी।
