बेंगलुरु। अभिनेत्री अरुंधति नाग, फिल्म निर्माता कविता लंकेश और सुमन किट्टूर, लेखिका विजयम्मा, अक्कई पद्मशाली सहित विभिन्न क्षेत्रों की महिला हस्तियों के एक समूह ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को पत्र लिखकर धर्मस्थला मामले में न्याय की मांग की है। पत्र में यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि धर्मस्थला में अनसुलझे अपराधों की जांच पूरी तरह से महिलाओं और अन्य पीड़ितों को न्याय दिलाने पर केंद्रित होनी चाहिए। इसके लिए कर्नाटक में कोंडावारू यारू? धर्मस्थल में महिलाओं को किसने मारा? नामक अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य महिलाओं के समूह द्वारा पीड़ितों के लिए न्याय के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करना और महिलाओं के खिलाफ इस तरह की हिंसा को जारी रखने वाली गहरी साजिश को खत्म करना है। दुर्भाग्य से जांच शुरू हुए कुछ हफ्ते भी नहीं हुए कि यह मामला राजनीतिक दिखावे का विषय बन गया।
50 महिला हस्तियों ने लिखा पत्र
नतीजतन, जो सच्चाई और जवाबदेही तय होनी थी, वह न्याय को दफनाने की कोशिशों में बदल गई है। 50 महिला हस्तियों द्वारा हस्ताक्षरित पत्र एक प्रति पांच सितंबर को कुछ मीडिया संस्थानों के साथ साझा की गई है।
सिद्धारमैया ने धर्मस्थला मामले में आतंकवाद निरोधी एजेंसी से जांच की मांग को खारिज किया
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को धर्मस्थला में कई हत्याओं, बलात्कारों और दफनाने के आरोपों की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग को कमजोर करते हुए कहा कि राज्य पुलिस पहले से ही एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के माध्यम से मामले की जांच कर रही है। मुख्यमंत्री हिंदू और जैन संतों द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर मामले की एनआईए जांच की मांग से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे थे। सिद्धारमैया ने संवाददाताओं से कहा कि हमने एसआईटी गठित की है, वे पुलिस हैं। एनआईए में कौन है? वे भी पुलिस हैं। विपक्षी भाजपा और जद(एस) ने भी मामले से निपटने के तरीके को लेकर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए एनआईए जांच की मांग की है। उन्होंने धर्मस्थल और स्थानीय हिंदू मंदिर के खिलाफ ष्बदनाम करने वाले अभियानष् के पीछे एक साजिश का आरोप लगाया।