प्रयागराज (राजेश सिंह)। लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा आज से श्नहाए-खाए के साथ शुरू हो रहा है। संगम नगरी में इस पावन पर्व को लेकर धार्मिक उत्साह चरम पर है। श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने से पहले प्रशासन घाटों की तैयारियों में जुटा है। हालांकि, किला घाट, संगम नोज, रामघाट और अरैल घाट पर अभी भी दलदल और अव्यवस्थाओं की समस्या बनी हुई है।
एसडीएम सदर ने मौके पर पहुंचकर घाटों की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जाए। घाटों पर प्रकाश, पेयजल, सफाई, मोबाइल टॉयलेट और बैरिकेडिंग की सभी व्यवस्थाएं जल्द पूरी करने के आदेश दिए गए। एसडीएम ने चेतावनी दी कि लापरवाही पाए जाने पर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
घाटों पर विद्युत व्यवस्था, चेंजिंग रूम, पेयजल और चूने के छिड़काव का कार्य तेजी से जारी है। कीचड़ और दलदल वाले हिस्सों में चकर्ड प्लेटें और बालू की बोरियां बिछाई जा रही हैं, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित रूप से नदी तक पहुंच सकें।
निरीक्षण के दौरान दशाश्वमेध घाट की सीढ़ियों पर जमी मिट्टी हटाने, संगम नोज पर बैरिकेडिंग करने और एप्रोच मार्गों को समतल करने के निर्देश दिए गए। अधिकारियों ने बताया कि घाटों पर कम से कम 200 चकर्ड प्लेटें लगाई जाएंगी, जिससे व्रतियों को आने-जाने में परेशानी न हो। पूर्वांचल छठ पूजा एवं विकास समिति के अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि इस बार जलस्तर बढ़ने से घाट का क्षेत्रफल पिछले वर्ष की तुलना में 30 प्रतिशत कम हुआ है।
समिति की ओर से संगम तट पर भगवान भास्कर की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। वहीं, मेला प्राधिकरण द्वारा जेसीबी मशीनों से घाटों की सफाई और समतलीकरण का कार्य जारी है।
अजय राय ने कहा कि दलदल की वजह से इस बार कई चुनौतियां हैं, लेकिन श्रद्धालुओं की सुविधा हमारी प्राथमिकता है। संगम पर छठ व्रतियों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
