प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनसीजेडसीसी) में चल रहे 12 दिवसीय दीपावली शिल्प मेला के पांचवें दिन रविवार को लोक संस्कृति, संगीत और परंपरा का मनमोहक संगम दिखाई दिया। मेले का परिसर शाम ढलते ही रोशनी से जगमगा उठा और सैकड़ों की संख्या में लोग हस्तशिल्प और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लेने पहुंचे।
मंच पर लोक गायिका संदीपमा वर्मा ने जब “बड़ा सुंदर है मईया का धाम” और “भगत सब जय जय बोलो” जैसे भजन गाए तो पूरा वातावरण भक्ति और लोक संगीत के रंग में रंग गया। उनके बाद बिरहा गायक अजय तिवारी ने अपनी जोरदार प्रस्तुति से समां बांध दिया। दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का उत्साह बढ़ाया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इलाहाबाद संग्रहालय के निदेशक राजेश प्रसाद रहे, जिनका स्वागत केंद्र के निदेशक सुदेश शर्मा ने पुष्पगुच्छ और अंगवस्त्र भेंटकर किया। मेले में इस वर्ष करीब 114 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें देश के विभिन्न राज्यों से आए शिल्पकारों ने अपनी पारंपरिक कलाओं का प्रदर्शन किया है। राजस्थान की क्रिस्टल पेंटिंग, जयपुर की लाख की चूड़ियां, बंगाल का जूट वर्क, खुर्जा की सेरामिक कला, जम्मू-कश्मीर के ड्राय फ्रूट्स, तेलंगाना की मूंग ज्वेलरी और बनारस की साड़ी जैसी वस्तुएं मेले की शान बनी हुई हैं।
साथ ही पूजा सामग्री, मिट्टी के दीये, सूखे मेवे, हैंडमेड डेकोरेशन आइटम और इत्र की खुशबू लोगों को खूब आकर्षित कर रही है। त्योहारी खरीदारी के साथ-साथ शिल्प हाट में रोजाना आयोजित होने वाले लोकनृत्य, कव्वाली और नाटक दर्शकों का मन मोह रहे हैं। रविवार को मेले में परिवारों, बच्चों और युवाओं की भारी भीड़ देखने को मिली।
शाम के समय तो पार्किंग स्थल तक में गाड़ियों की कतारें लग गईं। मेले के आयोजक सुदेश शर्मा ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य देशभर के शिल्पकारों को मंच देना और स्थानीय लोगों को भारतीय लोककला से जोड़ना है। दीपावली से पहले प्रयागराज का यह शिल्प मेला न केवल खरीदारी का उत्सव बन गया है, बल्कि संस्कृति और परंपरा की जीवंत मिसाल भी पेश कर रहा है।