मेजा, प्रयागराज (विमल पाण्डेय)। करवा चौथ का व्रत हाल ही में देशभर में विवाहित महिलाओं द्वारा रखा गया। दुर्गावती इंटर नेशनल स्कूल मेजा के डायरेक्टर सुशील मिश्र की पत्नी स्वतंत्र मिश्रा ने व्रत उत्साहपूर्वक मनाया। यह व्रत पति की लंबी आयु, अखंड सौभाग्य और खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना के लिए निर्जला उपवास रखकर किया जाता है।इस दिन महिलाएं सूर्याेदय से चंद्रोदय तक अन्न और जल का त्याग कर उपवास रखती हैं।
शाम को चंद्रमा के दर्शन के बाद विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। महिलाएं छलनी से पहले चंद्रमा को देखती हैं, फिर अपने पति का चेहरा देखती हैं। इसके उपरांत पति अपनी पत्नी को पानी पिलाकर उनका व्रत पूर्ण कराते हैं। करवा चौथ का व्रत तभी पूर्ण माना जाता है जब इसकी कथा का पाठ किया जाए।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत कथा का महत्व सर्वप्रथम भगवान शिव ने माता पार्वती को बताया था। द्वापर युग में भगवान कृष्ण ने द्रौपदी को इस व्रत के महत्व से अवगत कराया था।महाभारत युद्ध से पूर्व जब अर्जुन नीलगिरी पर्वत पर तपस्या के लिए गए थे और लंबे समय तक वापस नहीं लौटे, तब द्रौपदी चिंतित होकर भगवान कृष्ण के पास पहुंची थीं। भगवान कृष्ण ने ही द्रौपदी को करवा चौथ का व्रत करने की सलाह दी और उन्हें इसकी महिमा सुनाई। तभी से यह व्रत महिलाओं द्वारा रखा जाने लगा।