जिगना, मिर्जापुर (राजेश सिंह)। जिगना क्षेत्र के कुशहां (तिवारीपुर) गाँव स्थित हनुमान मंदिर पर आदर्श रामलीला समिति द्वारा आयोजित राम कथा के तीसरे दिन अयोध्या से पधारे कथा वाचक आचार्य अरविंद शुक्ला ने बाल कांड का वर्णन किया।
उन्होंने परशुराम-लक्ष्मण संवाद की भावपूर्ण व्याख्या की। आचार्य शुक्ला ने बताया कि भगवान राम के रूप में नारायण का दर्शन करने के बाद परशुराम का अहंकार दूर हो गया। उन्होंने श्आत्मा ही परमात्मा है के सिद्धांत पर प्रकाश डाला।
कथा वाचक ने श्रोताओं को बच्चों, बुजुर्गों, असहायों और सभी जीवों की सेवा में जीवन समर्पित करने का मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति समय रहते संसार के मोह को नहीं छोड़ता, उसे संसार स्वयं छोड़ देता है।
आचार्य शुक्ला ने बताया कि माया-मोह से मुक्त होकर जीवन जीने वाले की आत्मा अंत समय में परमात्मा में एकाकार हो जाती है। निष्काम भाव से जीवन व्यतीत करने वाले का जीवन सफल और धन्य हो जाता है।
इस आयोजन में समाजसेवी स्वामीनाथ सिंह, रमेश उर्फ शिंपू सिंह, डॉ. मुन्ना सिंह, अखिलेश सिंह, दीपक सिंह, रामभूप सिंह, शिवम सिंह और गजराज सिंह सहित कई लोग सेवा भाव से सक्रिय रहे।
