प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज में होने वाले माघ मेला-2026 की तैयारियों की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित, स्वच्छ और सुव्यवस्थित वातावरण मिले, यह सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है।
प्रयागराज में होने वाले माघ मेला-2026 की तैयारियों की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित, स्वच्छ और सुव्यवस्थित वातावरण मिले, यह सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। उन्होंने गृह विभाग को निर्देश दिया कि प्रमुख स्नान पर्वों पर किसी तरह का वीआईपी प्रोटोकॉल न दिया जाए। इन संबंध में आवश्यक सूचना जारी की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल 15 से 25 लाख श्रद्धालु केवल कल्पवासी होंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी स्तर पर अव्यवस्था या असुविधा न हो। माघ मेले से जुड़े सभी विभागों के प्रमुख सचिव-सचिव स्तर के अधिकारी और अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था खुद मेला क्षेत्र जाकर तैयारियों की समीक्षा करें। 31 दिसंबर तक मेले की सारी तैयारी पूरी कर ली जाए।
बैठक में मंडलायुक्त प्रयागराज ने बताया कि माघ मेला का आयोजन 3 जनवरी से 15 फरवरी तक कुल 44 दिनों तक होगा। इस दौरान पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि जैसे प्रमुख स्नान पर्व पड़ेंगे। पूरे मेले में 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। जबकि मौनी अमावस्या जैसे प्रमुख पर्व पर एक ही दिन में साढ़े तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालु आएंगे। इसके अनुरूप व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
नगर विकास विभाग को मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि मेला क्षेत्र में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। ताकि गंगा-यमुना की पवित्रता अक्षुण्ण बनी रहे। सीएम योगी ने निर्देश दिया कि सभी विभाग आपसी समन्वय से समय से काम पूरा करें। उन्होंने कहा कि माघ मेला ऐसा आयोजन बने, जिसमें आस्था, सुरक्षा, स्वच्छता, नवाचार और संवेदनशील प्रशासन सभी का संतुलित और प्रभावी स्वरूप दिखाई दे।
एआई आधारित सर्विलांस से होगा भीड़ व सुरक्षा प्रबंधन
सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक तकनीक का अधिकतम प्रयोग करें। उन्होंने ट्रैफिक व भीड़ मैनेजमेंट के लिए ठोस और बहुस्तरीय योजना बनाने के निर्देश दिए। अफवाह फैलाने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। मेला क्षेत्र में एआई आधारित सर्विलांस व भीड़ मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने पुलिसकार्मिकों के बेहतर व्यवहार के लिए आवश्यक प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए। उन्होंने एनएसएस स्वयंसेवकों और एनसीसी कैडेट के सहयोग लेने साथ ही नाविकों के साथ संवाद और समन्वय बनाने, खान-पान व विभिन्न सेवाओं के शुल्क को नियंत्रित रखने के निर्देश भी दिए।
पहली बार ऐप आधारित बाइक टैक्सी, क्यूआर कोड
मुख्यमंत्री ने कहा कि माघ मेला को सुविधाओं और तकनीक के स्तर पर एक नया मानक बनना चाहिए। बैठक में बताया गया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ऐप आधारित बाइक टैक्सी सेवा, दिशा सूचक संकेतों की व्यवस्था, विद्युत पोलों पर क्यूआर कोड आधारित पहचान प्रणाली, निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए रिंग मेन यूनिट, कटाव रोकने के लिए जियो-ट्यूब तकनीक आदि लागू की जा रही हैं।
स्वच्छता पर विशेष फोकस, सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध
मुख्यमंत्री ने सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रतिबंध पर जोर देते हुए कहा कि माघ मेला स्वच्छता का उदाहरण बने। बैठक में जानकारी दी गई कि मेला क्षेत्र में 16,650 शौचालयों की स्थापना की जा रही है। लगभग 3300 सफाई मित्रों की 24 घंटे तैनाती की जाएगी। उनके लिए सैनीटेशन कॉलोनी, बच्चों के लिए आंगनबाड़ी और प्राथमिक विद्यालय जैसी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि मेले में कार्यरत स्वच्छताकर्मियों के मानदेय का भुगतान हर हाल में 15 दिन के अंदर कर दिया जाए।
19वीं-20वीं शताब्दी के लोक अभिलेख और दुर्लभ पांडुलिपियां बनेंगी आकर्षण
इस वर्ष पर्यटन व संस्कृति विभाग के माध्यम से माघ मेला के दौरान लोकनृत्य, लोकनाट्य, भजन-कीर्तन, रामलीला तथा प्रदेश की समृद्ध कला-संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम व प्रदर्शनी आयोजित की जाएंगी। साथ ही 19वीं व 20वीं शताब्दी के प्रारंभिक माघ मेला आयोजनों की प्रशासनिक व्यवस्थाओं से संबंधित लोक अभिलेखों तथा सनातन परंपरा व अध्यात्म से जुड़ी दुर्लभ पांडुलिपियों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
