प्रयागराज (राजेश सिंह)। अधिवक्ता नबी अहमद की हत्या में उम्रकैद की सजा पाने वाले बर्खास्त एसआई शैलेंद्र सिंह के परिजन अब फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। केस की पैरवी करने वाले उनके ससुर अशोक सिंह का कहना है कि इंसाफ पाने तक वह लड़ाई जारी रखेेंगे। एसआई शैलेंद्र सिंह की पत्नी व तीन बच्चे राजरूपपुर स्थित मकान में रहते हैं। कुछ दूर पर ही उनकी पत्नी का मायका है। इसमें ससुर व अन्य परिजन रहते हैं। सजा सुनाए जाने के बाद एक हिन्दी अखबार के पत्रकार ने उनकी पत्नी से बात करने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। इसके बाद शैलेंद्र के ससुर अशोक सिंह से संपर्क करने की कोशिश की गई तो पता चला कि वह केस के सिलसिले में रायबरेली में हैं। देर शाम फोन पर संपर्क होने पर उन्होंने दावा किया कि शैलेंद्र निर्दोष हैं। सजा के खिलाफ वह हाईकोर्ट जाएंगे। उन्होंने बताया कि शैलेंद्र के तीन बच्चों में दो बेटियां व एक बेटा है। सबसे बड़ी बेटी है जो पांचवीं कक्षा में पढ़ती है। इसके बाद बेटा और फिर सबसे छोटी बेटी है। बताया कि जिस समय यह घटना हुई, सबसे छोटी बेटी तीन माह की थी। तीनों बच्चे पास के ही स्कूल में पढ़ते हैं। शैलेंद्र मूल रूप से आंबेडकर नगर का रहने वाला है। उसके माता-पिता का देहांत हो चुका है और भाई कई सालों से लापता है।