दिव्यांगोत्थान श्रीराम सेवा ट्रस्ट (न्यास) के बैनर तले श्रीराम कथा के दूसरे दिन बही भक्ति की रसधार
इस अवसर पर रमाकांत मिश्र, प्रमुख प्रतिनिधि गंगा प्रसाद मिश्र, पूर्व ब्लाक प्रमुख मुन्नन शुक्ला, व्यापार मंडल अध्यक्ष पप्पू उपाध्याय, अधिवक्ता अभिषेक तिवारी टिंकू सहित दर्जनों लोगों ने माला पहनाकर गुरुदेव का स्वागत किया। कार्यक्रम में जगतगुरु ने अपनी मधुर मुख से भजन गाकर लोगों को भक्ति रस में डूबा दिया। कथा के आरंभ मे जगतगुरु श्री रामभद्राचार्य ने कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि श्रीराम की आवश्यकता सबको है।
गुरु विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा के लिए अवध पति दशरथ से विश्वामित्र राम लक्ष्मण को मांगने गए। वक्र सर से राक्षस को मारा इसलिए वक्रसर कालांतर में बक्सर हो गया। सिद्धाश्रम वही गुरु स्थान है जहां राम और लक्ष्मण ने यज्ञ की रक्षा की और साधु-संतों को भय से मुक्त कर दिया। 11 वर्ष 5 महीने के राम जिनको मुछ भी नहीं वह यज्ञ की रक्षा के लिए जाते हैं और असुरों कर नष्ट करते हैं। रघुनाथ के जाने से सभी सनाथ हो जाते हैं। माता सीता को भी राम की आवश्यकता है।
तुलसी पीठाधीश्वर श्री रामभद्राचार्य जी महाराज ने आगे कहा कि जैसे छायाशरीर बिना नहीं रहता, चांदनी चंद्रमा बिना नहीं रहता, उसी प्रकार राम की सबको आवश्यकता है। सिंह का सृंगार सियार नही किया करते स्वयं सिंह अपना श्रृंगार करता है। दशरथ जी जैसा प्रेम कोई सात जन्मों में भी अपने बच्चे को नहीं दे सकता। जो लक्ष्य की ओर ले जाए वही लक्ष्मणा है। हमारा लक्ष्य भगवान की प्राप्ति होना चाहिए।
शरीर में भगवान की प्राप्ति लक्ष्य बनाओ। यदि मिल गए तो जीवन धन्य हो जाएगा। जो व्यापक होकर चेतन है वही परमात्मा है। कथा के समय सुरक्षा व्यवस्था को लेकर थाना प्रभारी मेजा धीरेन्द्र सिंह, चौकी प्रभारी मेजारोड रामभवन वर्मा, दरोगा सचिन देव वर्मा, कांस्टेबल अरविन्द चौबे सहित अन्य थानों को मिलाकर दो दर्जन पुलिसकर्मी लगे रहे।
इस मौके पर वरिष्ठ समाजसेवी ईं नित्यानंद उपाध्याय, अधिवक्ता अभिषेक तिवारी टिंकू, अखिलेश मिश्रा, कृष्णदास उर्फ नाथू गुप्ता, दिलावर सिंह, तनय पाण्डेय, गौरव पाण्डेय, गिरीश दुबे, आलोक मिश्रा, विनय पाण्डेय, राजू पाण्डेय, विकास तिवारी (विक्की) सहित सैकड़ों कथा श्रोता महिला व पुरुष मौजूद रहे।