मिर्जापुर (राजेश सिंह)। एंटी करप्शन ब्यूरो लखनऊ द्वारा प्राइवेट आदमी से अवैध वसूली कराने के आरोप में पकड़े गए सिपाही के साथ ही आरपीएफ प्रभारी व उप निरीक्षक को निलंबित करने के बाद उनको प्रयागराज कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। इस मामले की जांच आरपीएफ के कानपुर असिस्टेंट कमांडेंट को सौंपी गई है। उनसे पांच दिन में जांच कर रिपोर्ट मांगी गई है। जांच के बाद अन्य लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई और मुकदमा दर्ज हो सकता है। फिलहाल आरपीएफ मिर्जापुर का प्रभार नैनी के प्रभारी को सौंपा गया है। रेलवे स्टेशन पर प्राइवेट आदमी से वसूली कराने की शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो लखनऊ में की गई थी। इस मामले में बुधवार को एंटी करप्शन की टीम ने रेलवे स्टेशन से चंदन कुमार को अवैध वसूली करते हुए पकड़ा। पूछताछ में उसने आरपीएफ सिपाही शैलेंद्र मिश्रा का नाम से वसूली करने की बात स्वीकार की। मामले में एंटी करप्शन की टीम दोनों को पकड़कर ले गई। आरपीएफ प्रभारी दिनेश कुमार छुट्टी पर थे और उप निरीक्षक गौरव कुमार ट्रेनिंग में गए थे।
उधर, मामले की गंभीरता को देखते हुए आरपीएफ प्रयागराज के सहायक सुरक्षा आयुक्त टीके अग्निहोत्री ने सिपाही के साथ ही प्रभारी व उप निरीक्षक को निलंबित कर प्रयागराज कार्यालय से संबद्ध कर दिया है। आरपीएफ के सीनियर कमांडेंट विजय प्रकाश पंडित ने मामले की जांच असिस्टेंट कमांडेंट कानपुर को सौंपा है। उनसे पांच दिन के अंदर मामले की जांच कर रिपोर्ट मांगा है। जांच में संलिप्तता की बात सामने आने पर अन्य लोगों पर भी कार्रवाई की जा सकती है। संबंधित लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल आरपीएफ मिर्जापुर का प्रभार नैनी आरपीएफ के निरीक्षक अविनाश को दिया गया है।
आरपीएफ के सीनियर कमांडेंट विजय प्रकाश पंडित ने बताया कि एफसपाही के साथ आरपीएफ प्रभारी व उप निरीक्षक को निलंबित कर प्रयागराज कार्यालय में संबद्ध किया गया है। इस मामले की जांच कानपुर के असिस्टेंट कमांडेंट को सौंपी गई है। पांच दिन में जांच कर रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।