मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
विकास खंड मेजा के भइयां ग्राम पंचायत में स्थित श्री कृष्ण प्रणामी मंदिर में आज शरदपूर्णिमा महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। एक तरफ जहां जाति-पांति से ऊपर उठकर समस्त ग्रामीण एक-दूसरे को शुभकामना देते दिखाई दिए वहीं दूसरे प्रदेशों से आए श्रद्धालु जनों द्वारा साप्ताहिक पारायण में कुलजम -स्वरुप साहब का पाठ बैठाया गया है। मंदिर के बारे में जानकारी देते हुए महन्त स्वामी ब्रह्मा नंद जी महाराज ने बताया कि मंदिर में पूर्ण ब्रह्म परमेश्वर अनादि अक्षरातीत की पूजा होती है। जिसमें भगवान श्रीकृष्ण के मुकुट एवं मुरली ही प्रतीक स्वरूप हैं। यह बात और है कि निजानंद सम्प्रदाय से जाने जाने वाले इस मंदिर में मूर्ति पूजा नहीं होती है। सामाजिक समरसता का प्रतीक यह मंदिर 18वीं सदी में स्थापित हुआ था। संस्थापक रहे श्री 108 परमहंस गोपाल मणी दास जी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 302 वर्षीय परमयोगी सशरीर धामगमन हुए। महात्मा द्वारा जाति -पांति का बंधन खत्म करके एक मानवमात्र की अवधारणा पर प्रणामी मंदिर स्थापित किया गया था। जिसकी विशेषता है कि दलित वंचित या पिछड़ी व अगड़ी जाति से हटकर सबको सुन्दर साथ नाम से संबोधित किया जाता है।जिसका परिणाम यह है कि किसी भी उत्सव को समस्त जातियों के लोग पूरी निष्ठा व समर्पित भाव से मनाते हैं। श्रीकृष्ण प्रणामी मंदिर ट्रस्ट के टृस्टी कौशलेश कुमार मिश्र ने बताया कि सुन्दर आचार, सुन्दर विचार, सुन्दर गांव, सुन्दर समाज की अवधारणा को आत्मसात करने वाला प्रत्येक व्यक्ति सुन्दर साथ बनकर दीक्षित हो सकता है। शरदपूर्णिमा के पावन दिवस पर विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी पूर्ण श्रद्धा के साथ श्रद्धालुजन मंदिर में एकत्रित होकर भजन-कीर्तन व डांडिया नृत्य करते हुए अमृतमय खीर का प्रसाद एवं आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।