प्रतापगढ़ (राजेश सिंह)। प्रतापगढ़ जिले में एक अनोखा मामला सामने आया। महोबा से तबादला होने के आठ वर्षों के लंबे अंतराल के बाद एक सिपाही प्रतापगढ़ जिले में ज्वाइन करने पहुंचा तो आरआइ चौंक पड़े। मामला संज्ञान में आया तो एसपी ने इसकी जांच सीओ लाइन प्रभात कुमार को सौंपी। पुलिस विभाग में इस सिपाही के मामले को लेकर चर्चा है।
बांदा जिले के रहने वाले सिपाही प्रेम नारायण पाल की तैनाती वर्ष 2014 में महोबा जनपद में थी। वर्ष 2014 में उसका तबादला महोबा से प्रतापगढ़ के लिए हुआ था, लेकिन वह ज्वाइन करने नहीं आया। जब वह पुलिस लाइन ज्वाइन करने पहुंचा तो आरआइ चौंक गए। उन्होंने आठ वर्ष तक ज्वाइन न करने की वजह पूछी तो सिपाही कुछ नहीं बता सका। मामला संज्ञान में लाए जाने पर प्रतापगढ़ के एसपी ने सिपाही प्रेम नारायण से आठ वर्ष तक ज्वाइन न करने का कारण पूछा तो वह कुछ स्पष्ट नहीं बता सका। सिर्फ इतना कहा कि दुर्घटना में घायल होने पर दो वर्ष तक उसका इलाज चला था। प्रतापगढ़ के एसपी से सिपाही ने आठ वर्ष तक ज्वाइन न करने का जो कारण बताए, उससे संतुष्ट नहीं हुए। एसपी ने पिछले आठ वर्षों में ड्यूटी में साथ रहे पांच पुलिस कर्मियों को गवाह के रूप में पेश करने का निर्देश दिया। एसपी ने इस मामले की जांच सीओ लाइन प्रभात कुमार को सौंपी है।
एसपी सतपाल अंतिल ने बताया कि सिपाही के आठ वर्षों तक ज्वाइन न करने के प्रकरण की जांच सीओ लाइन को सौंपी गई है।