प्रयागराज (राजेश शुक्ला/राजेश सिंह)। भाजपा सांसद निरहुआ द्वारा भारतीय सेना में अहीर रेजीमेंट की मांग के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय में भी यह मुद्दा उठा है। छात्र संघ भवन पर कई छात्र संगठनों ने इकट्ठा होकर मंगलवार को अहीर रेजिमेंट की मांग को लेकर बैठक की है। बैठक के बाद यह निर्णय लिया है कि इस मामले पर प्रदर्शन कर देश के रक्षा मंत्री व प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन भेजेंगे।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ बहाली, फीस वृद्धि के मुद्दे को लेकर के पिछले करीब 2 साल से आंदोलन चला रहे छात्र नेता अजय यादव सम्राट का कहना है कि देश के इतिहास के पन्ने अगर पलटेंगे तो अहीरों का चीन की सेना से लड़ाई में बड़ा योगदान रहा है। चाहे आजादी की लड़ाई की बात की जाय या समाज के लिए कुछ करने की, अहीर हमेशा से आगे रहे हैं। ऐसे में सेना में अहीर रेजिमेंट की मांग को लेकर एक सर्वदलीय छात्र संगठनों की बैठक की है।
1962 में भारत चीन युद्ध में रिझांगला वैली के पास बर्फ के बीच जब सैकड़ों लाशें मिली थीं तो उसमें 120 सैनिकों की लाशें अहीरों की थीं। कुमाऊं रेजिमेंट के ये 117 जवान 3000 चीनी सैनिकों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे। इसके बाद मेजर शैतान सिंह को देश का पहला सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र प्रदान किया गया था।
अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों को मार कर भगा दिया था। 300 से ज्यादा पीएलए सैनिक भारतीय पोस्ट पर कब्जा करने के इरादे से घुसे थे, लेकिन भारतीय जवानों के इरादों के आगे उन्हें पीछे भागना पड़ा था। सरहद से लेकर संसद तक एलएसी पर सुरक्षा का मुद्दा काफी गरमा गया था उसी दौरान बीजेपी सांसद निरहुआ ने सेना में अहीर रेजिमेंट की मांग उठाई थी। इससे पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी अहीर रेजिमेंट की मांग उठा चुके हैं।
भारतीय सेना में रेजिमेंट बेहद खास महत्व रखती है। कई रेजिमेंट्स को मिलाकर पूरी सेना आकार लेती है। इसकी शुरुआत अंग्रेजों ने अपनी हुकूमत के दौरान की थी।