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श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन सुदामा चरित्र और परीक्षित मोक्ष की कथा सुनाई

 आयोजकों ने कथा वाचक की ससम्मान विदाई की



मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)

क्षेत्र के गुनई गहरपुर ग्राम पंचायत की ओर से आयोजित प्राथमिक विद्यालय के बगल पहाड़ी व तालाब के किनारे जीर्णोद्धार हनुमान मंदिर में हनुमान की प्राण प्रतिष्ठा के बाद चल रही श्रीमदभागवत कथा का मंगलवार को समापन हो गया। कथा के अंतिम दिन भी श्रीमद् भागवत का रसपान पाने के लिए भक्तों का सैलाब कथा स्थल पर उमड़ पड़ा। कथावाचक पंडित गौरव जी महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा का समापन करते हुए कई कथाओं का भक्तों को श्रवण कराया जिसमें प्रभु कृष्ण के 16 हजार एक सौ आठ शादियां के प्रसंग के साथ, सुदामा प्रसंग और परीक्षित मोक्ष की कथायें सुनाई। इन कथाओं को सुनकर सभी भक्त भाव विभोर हो गए। कथा समापन के दौरान कथा वाचक ने भक्तों को भागवत को अपने जीवन में उतारने की बात कही जिससे सभी लोग धर्म की ओर अग्रसर हो। कथा के अंतिम दिन सुदामा चरित्र के माध्यम से भक्तों के सामने दोस्ती की मिसाल पेश की और समाज में समानता का संदेश दिया। साथ ही भक्तो को बताया कि श्रीमद् भागवत कथा का सात दिनों तक श्रवण करने से जीव का उद्धार हो जाता है तो वहीं इसे कराने वाले भी पुण्य के भागी होते है। कथा का समापन गांव के ही भक्त शिरोमणि कपिलदेव पाठक द्वारा आरती के साथ हुआ।श्रीमद्भागवत कथा में पांच विद्वान पंडित संतलाल दुबे,विंध्यवासिनी पांडे,अश्विनी पांडेय,विद्या शंकर पांडेय और सूरज द्विवेदी द्वारा वैदिक उच्चारण से हनुमान जी की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भागवत कथा में पूजन कराया।

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मंदिर निर्माण समिति के संयोजक शिक्षक बिरेंद्र यादव ने बताया कि कथा समापन के बाद बुधवार को हवन यज्ञ के बाद एक गरीब कन्या की शादी  समिति द्वारा संपन्न कराई जायेगी।तत्पश्चात 2 फरवरी को विशाल भंडारे का आयोजन होगा।कथा समापन के बाद विशेष सहयोगी कपिल पाठक ने सभी सहयोगियों को अंग वस्त्रम से सम्मानित किया।

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