फूलों में ढोंढ पककर तैयार होता है, पुलिस को नहीं है खबर
प्रयागराज (राजेश सिंह)। ग्रामीण अंचल में चोरी-छिपे कुछ लोगों के द्वारा उगाए गए हैं। अफीम के पौधे जो नशे की लत को पूरा करने के लिए इन पौधों को लगाकर इनके ढूंढ से निकलने वाले दूध को सुखाकर नशे के रूप में प्रयोग करते हैं। स्थानीय पुलिस को इस बात की कोई कानों-कान खबर नहीं है।
अगर देखा जाए तो कौंधियारा थाना क्षेत्र के अंतर्गत कौंधियारा गांव के ही एक किसान के द्वारा आलू के खेत में कुछ अफीम के पौधों को भी उगाया गया है। जिन पौधों में फूल लगकर ढोंढ तैयार हो रही है और इसी ढोंढ में ब्लेड से चीरा लगाने के बाद निकलने वाले दूध को धूप में सुखाया जाएगा और फिर तैयार होगी अफीम जो लोग नशे के रूप में प्रयोग करेंगे।
चोरी छुपे लगाए गए इन पौधों के बारे में क्षेत्रीय लोगों को पहचान ना होने कारण कुछ लोग इसे फूल तो कुछ लोग सब्जी के पौधे के रूप में ही समझ रहे हैं। कौंधियारा कस्बे के ही रहने वाले एक किसान ने अफीम के उस पौधों को देखकर यह बताया कि यह कोई नए किस्म के फूल का पौधा है। जबकि हकीकत यह है कि गांव के लोगों को अफीम के पौधों की पहचान ही नहीं है। वही उसी रास्ते से प्रभारी निरीक्षक कौंधियारा भी गुजरते हैं लेकिन उनकी निगाह भी अफीम के इन पौधों पर नहीं पड़ सकी।
पौधों की वीडियो बनाकर जब इस बारे में प्रभारी निरीक्षक कौंधियारा वीरेंद्र कुमार कुशवाहा से पूछा गया उन्होंने बताया अफीम के पौधों की उन्हें कोई पहचान नहीं है। लेकिन जानकारी होने पर जांच कर जिस व्यक्ति ने भी अफीम के प्रतिबंधित पौधों को अपने निजी स्वार्थ के लिए उगाया है उनके विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जाएगी। जबकि इसी तरह से कौंधियारा क्षेत्र के ही बेलसारा गांव में एक किसान ने अफीम के पौधों को लगाया गया था, जिस पर उस समय के तत्कालीन थाना प्रभारी प्रवीण सिंह के द्वारा अफीम के पौधों को जप्त करते हुए उक्त किसान पर मुकदमा पंजीकृत कर कार्रवाई की गई थी।