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उमेश पाल हत्याकांड: माफिया अतीक के दो बेटे समेत सात को पुलिस ने उठाया

SV News

अतीक की बीवी शाइस्ता से पुलिस कर रही पूछताछ

प्रयागराज (राजेश सिंह)। उमेश पाल हत्याकांड में घटना के कुछ देर बाद ही अतीक अहमद के दो बेटों असद व अहजम को पुलिस ने उठा लिया। उन्हें गोपनीय स्थान पर ले जाकर पूछताछ चलती रही। इसके अलावा उनके दो दोस्तों और तीन अन्य लोगों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जाती रही। पुलिस ने शाइस्ता परवीन से भी पूछताछ की। दरअसल सूत्रों के मुताबिक, घटना के बाद जो सीसीटीवी फुटेज जारी हुआ, उसमें एक हमलावर को देखकर इस हत्याकांड में शक की सुई सबसे ज्यादा अतीक अहमद पर है।
इसके बाद पुलिस ने दबिश देकर अतीक के दो बेटों असद व अहजम को उठा लिया। असद तीसरे, जबकि अहजम अतीक का चौथे नंबर का बेटा है। उन्हें गोपनीय स्थान पर ले जाया गया और पूछताछ की जाती रही। उधर, उनके दो दोस्तोंं को भी पुलिस ने हिरासत में लिया। इसके अलावा महिला ग्राम इलाके के तीन अन्य युवकों को भी उठाया गया जिनसे देर रात तक पुलिस पूछताछ में जुटी रही।
उमेश पाल की हत्या जिस तरीकेसे की गई, उससे साफ था कि हत्यारों का मकसद सिर्फ उसे खत्म करना नहीं, बल्कि दहशत फैलाना भी था। हत्यारों ने सरेशाम बम व गोलियां चलाईं, यही नहीं घर में घुसकर उमेश को मौत के घाट उतारा। जिस जगह यह वारदात हुई, वह प्रयागराज-कानपुर हाईवे पर स्थित है। 24 घंटे यहां भीड़भाड़ रहती है। फिर शाम को पांच बजे तो निकलना भी मुश्किल होता है। ऐसे में माना जा रहा है कि भीड़भाड़ वाले इलाके में दुस्साहसिक वारदात का मकसद हत्या के अलावा भी भी कुछ और था।

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उमेश पाल

उमेश पाल की हत्या में शौहर-बेटों का हाथ होने से शाइस्ता ने किया किनारा

उमेश पाल की हत्या के बाद माफिया अतीक अहमद की बीवी शाइस्ता परवीन ने इस वारदात के पीछे अपने शौहर और बेटों का हाथ होने के इन्कार किया है। हाल में ही बसपा में शामिल हुईं शाइस्ता ने कहा कि शहर में कोई भी वारदात होती है तो उनके शौहर का ही नाम उछाल दिया जाता है। इस मामले में भी यही किया जा रहा है। जबकि, जग जाहिर है कि उनके शौहर, देवर और दो बेटे इस समय जेल में हैं।
उमेश की हत्या के बाद फोन पर हुई बातचीत में शाइस्ता परवीन ने कहा कि उनके शौहर, देवर और चार बेटों में से दो जेल में हैं। एक बेटा इस समय नौवीं की और दूसरा 10वीं की परीक्षा दे रहा है। शाइस्ता ने कहा कि इस हत्याकांड में उनके परिवार का नाम जबरन उछाला जा रहा है । जबकि, ऐसा कुछ भी नहीं है। इस इस घटना को लेकर पुलिस उनके घर पर पहुंचकर पूरे परिवार को परेशान कर रही है।

परिजनों का आरोप, कहा - अतीक ने मरवाया

स्वरूरानी नेहरू अस्पताल की इमरजेंसी में उमेश को करीब दो घंटे तक रखा गया था। इसी दौरान इमरजेंसी कक्ष को भारी पुलिस बल ने घेर रखा था। उमेश के परिजन चीख चीख कर अतीक अहमद पर आरोप लगाते रहे कि उसी ने उमेश को मरवा दिया। बेसुध पत्नी ने कहा कि यहां इतने पुलिस वाले क्यों है, जब गोली मारी तो कहां थे ये पुलिस वाले। उन्हें समझने वाले रिश्तेदारों की भी आंखें उनका हाल देखकर भीग जाती थीं।
उमेश का शव अंदर पड़ा था। अंदर सिर्फ उनकी पत्नी तथा नजदीकी रिश्तेदारों को जाने दिया जा रहा था। डाक्टरों ने अभी उमेश को मृत घोषित नहीं किया, लेकिन उन्हें देखकर सभी समझ गए थे कि उमेश अब नहीं रहे। उनकी पत्नी जया पाल बार बार कह रही थीं कि जब यहां इलाज नहीं हो रहा है तो लखनऊ क्यों नहीं ले जाते। वह बार बार बेसुध हो जा रहीं थीं। उमेश की पत्नी जया और उनकी बहन ने चीख चीख कर आरोप लगाए।
राजू पाल की लड़ाई सिर्फ उमेश लड़ रहे थे। उसी दुश्मनी में अतीक ने घटना करवाई है। वही उमेश के पीछे पड़ा था। उसी की वजह से उमेश अंदर पड़ा है। उमेश के भतीजों तथा अन्य रिश्तेदारों ने भी एक स्वर में अतीक और उसके गैंग आरोप लगाए। वह जेल में बैठकर वारदात करा रहा है। सब कुछ जानते हुए भी पुलिस वालों ने कुछ नहीं किया। उमेश पाल की पत्नी जया लगातार कांप रहीं थीं। सब से पूछ रहीं थी कि लखनऊ क्यों नहीं ले जाते, रिश्तेदारों को देखकर वे लिपटकर रोेने लगतीं। उन्हें ढांढ़स बंधाने वाले रिश्तेदार भी रोने लगते क्योंकि सभी को मालूम था कि उमेश अब नहीं रहे।
कातिलों ने उमेश को घर में ही गोलियों से भून दिया था। बूूढ़ी मां शांति अपने कमरे में मौजूद थीं। गोली बमों की आवाजों से वे बुरी तरह से डर गईं। जब उन्होंने लहूलुहान बेटे उमेश को देखा तो चीख मारकर रोने लगीं। उमेश और दोनों सिपाहियों को लोग अस्पताल ले भागे। इसके बाद से वे पथराई आंखों में बेटे का इंतजार करने लगीं। उनकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे। सबसे कहतीं कि मुझे भी अस्पताल ले चलो।
उमेश और जया पाल के चार बच्चे आदित्य, काव्या, दिव्या और आरव हैं। बड़े बेटे आदित्य की उम्र महज 16 साल की है। घटना के बाद बच्चे डर के कांप रहे थे, जो पिता उनके हीरो थे, जिनकी बहादुरी के किस्से वे अपने दोस्तों को सुनाते थे, कुछ देर पहले उन्हें लहूलुहान अवस्था ले जाया गया था। बच्चे भगवान के सामने खड़े होकर प्रार्थना कर रहे थे। एक दूसरे को दिलासा दे रहे थे कि पापा जल्दी आएंगे।

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