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लखनऊ में मारे गए गैंगस्टर जीवा ने नैनी जेल में ली थी पूर्व मंत्री के कत्‍ल की सुपारी

SV News

सिपाहियों की हत्या कर भागने की बनाई थी योजना

प्रयागराज (राजेश सिंह)। लखनऊ में मारा गया संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा ने नैनी सेंट्रल जेल में रहते हुए एक पूर्व मंत्री के कत्ल की सुपारी ली थी। उसने अदालत में पेशी पर ले जाते वक्त अभिरक्षा में तैनात सिपाहियों की हत्या कर भागने की योजना भी बनाई थी। इसके लिए जीवा के साले नरेंद्र कुमार शर्मा और शूटर रवि गुप्ता ने ताना-बाना बुना था। जीवा तिहाड़ जेल में भी माफिया अतीक अहमद के साथ बंद था और उसका मुख्तार के साथ-साथ अतीक गैंग से भी संबंध था। अतीक के बेटे उमर से भी जीवा कभी-कभी मिलता था। बुधवार को जीवा की हत्या के बाद उसके कारस्तानी की चर्चा पुलिस महकमे में होती रही।
जानकारों का कहना है कि दिसंबर 2010 में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने दिल्ली के सोनिया विहार निवासी जीवा के साले नरेंद्र कुमार शर्मा और गाजीपुर के नयापुरा कोतवाली के रवि गुप्ता को मानसरोवर टाकीज के पास से गिरफ्तार किया था। इनके कब्जे से फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस, पहचान पत्र, फर्जी पासपोर्ट सहित कई जाली दस्तावेज बरामद हुए थे। दोनों फर्जी पहचान पत्र के जरिए नैनी जेल में कई बार जीवा से मिले थे और फिर उसे पुलिस अभिरक्षा से भगाने के लिए योजना बना रहे थे। तभी एसटीएफ के तत्कालीन इंस्पेक्टर नवेंदु कुमार को अपराधियों की योजना के बारे में पता चला था और फिर उन्होंने घेराबंदी करके टीम के साथ दबोच लिया था। 
अभियुक्तों से पूछताछ में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई थी। पता चला था कि जीवा ने एक पूर्व मंत्री व एक पूर्व विधायक की सुपारी ली थी, जिसे अंजाम देने के लिए वह पुलिस कस्टडी से भागना चाहता था। हालांकि, नरेंद्र व रवि की गिरफ्तारी से पूरी योजना फेल हो गई थी। एसटीएफ की गिरफ्त में आए रवि गुप्ता ने उस वक्त बताया था कि वह 2008 में गाजीपुर जेल में मुख्तार अंसारी से मिलने के लिए गया था। वहीं पर जीवा से मुलाकात हुई थी। जीवा ने जेल में ही अपने साले नरेंद्र शर्मा से परिचय करवाया था। इसके बाद दो ट्रक की देखरेख का जिम्मा जीवा ने उसे दिया था। उस वक्त ओबरा का आलोक राय नामक शख्स मुख्तार अंसारी के बालू, गिट्टी के ठेकों का काम देखता था। वह नरेंद्र के साथ जीवा के दिल्ली वाले घर पर गया था, जहां उसकी पत्नी, मां सहित अन्य से मुलाकात हुई थी। इसके बाद जीवा के कहने पर ही फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस सहित अन्य कागजात बनवाए थे। जीवा के मुकदमे की पैरवी भी रवि एक वकील के जरिए करता था। 
एसटीएफ के डिप्टी एसपी नवेंदु कुमार ने बताया क‍ि वर्ष 2010 में मानसरोवर के पास सुपारी किलर जीवा के साले नरेंद्र शर्मा और उसके साथी रवि गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में पता चला था कि जीवा को पुलिस अभिरक्षा से भगाने की योजना थी। फरार होकर जीवा बड़ी वारदात को अंजाम देने वाला था, मगर गिरफ्तारी से उसकी योजना फेल हो गई थी।

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