मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
श्रीकृष्ण प्रणामी मंदिर भइयां में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। सदियों से चली आ रही परंपरा आज भी जीवंत रूप में दिखाई देती है। एक तरफ जहां कई गांव के ग्रामीण युवा अनुवाइयों ने अपने ईष्ट प्रभु श्री कृष्ण के जन्मदिवस पर मंदिर को भव्य स्वरूप में सजावट की वहीं बुजुर्ग भक्तों ने भी विरासत में प्राप्त परमहंस महाराज जी द्वारा रचित निर्गुण -सगुण भजन का गायन करते हुए भक्ति में डूबे दिखे।मंदिर के पीठाधीश्वर ब्रह्मानंद जी महाराज ने बताया कि सोलहवीं सदी में परमहंस गोपाल मणी दास जी महाराज द्वारा स्थापित मंदिर की यह प्रथा अनवरत चली आ रही है। क्षेत्रीय भक्तों के अलावा दूसरे प्रदेशों एवं शहरों से सैकड़ों की संख्या में लोग एकत्रित होते हैं। प्रभु भक्ति मय वातावरण से उत्पन्न शक्ति से सराबोर होकर दूसरे दिन भब्य भण्डारा का आयोजन होता चला आ रहा है। मंदिर ट्रस्ट के महामंत्री प्रोफेसर अवधेश कुमार मिश्र ने बताया कि सामाजिक सौहार्द का प्रतीक श्रीकृष्ण प्रणामी मन्दिर आज के सामाजिक सरोकारों से जुड़ते हुए अपने अनुयायियों को सुन्दर साथ नाम से संबोधित करता है जिसमें, सुन्दर आचार, सुन्दर विचार, सुन्दर संस्कार , सुन्दर ग्राम, सुन्दर समाज, सुन्दर भारत ,की संकल्पना निहित है। जिसका जीवंत उदाहरण है कि ग्राम के सभी युवा सुंदर साथ मिलकर मंदिर सहित पूरे गांव की साफ-सफाई करते हुए धूम -धाम से श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव मना रहे हैं।