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प्रयागराज: जेल में बंद हत्या के आरोपी कैदी ने फंदा लगाकर की आत्महत्या, मचा हड़कंप

SV News

नैनी, प्रयागराज (राजेश सिंह)। युवक को गोली मारने के आरोप में जिला जेल में बंद एक बंदी का शव गमछा और ग्रिल की मदद से लटकता हुआ मिला। बताया जाता है की बंदी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर अपनी जान दे दी। जिससे मृतक के परिजनों में कोहराम मचा रहा। जबकि परिजन कई तरह के आरोप लगा रहे हैं। जांच पड़ताल के बाद लापरवाही बरतने के आरोप में एक बंदी रक्षक के खिलाफ जेल प्रशासन की ओर से कार्रवाई की गई है। हालांकि पूरे मामले की जांच पड़ताल जारी है। जानकारी के मुताबिक नैनी कोतवाली क्षेत्र के इंदलपुर निवासी अफरोज (25) पुत्र अफसर पर आरोप था कि बीते कुछ माह पूर्व रात्रि प्रहर में उसने इंदलपुर में ही अपने एक अन्य साथी के संग मिलकर एक युवक को निशाना बनाते हुए गोली मार दिया था। हालांकि फायरिंग में उक्त युवक बाल बाल बच गया था। पुलिस ने पीड़ित युवक की तहरीर पर नैनी कोतवाली में हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। बीते 7 जून को नैनी कोतवाली पुलिस ने अफरोज को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए उसे सलाखों के पीछे भेज दिए थे। बीते दो दिन पूर्व उसकी तबीयत खराब होने पर वह जिला जेल के अंदर स्थापित अस्पताल में इलाज के लिए दाखिल था। शनिवार दोपहर बाद लगभग ढाई और तीन बजे के बीच वह अस्पताल के हाथे में पहुंचा और फांसी लगाकर आत्महत्या का प्रयास करने लगा। यह ज्ञात नहीं हो पाया कि बंदी ने फांसी कैसे और किन परिस्थितियों में लगाया था। सूत्रों पर यदि हम यकीन करें तो गमछा अपने गले में फंसा कर उसने बाउंड्रीवॉल और अस्पताल की दीवार के खाली स्थान पर लगे ग्रील की मदद से उसने फांसी लगाया था। बताते हैं कि अस्पताल के हाथे में तैनात बंदी रक्षक भी नदारत थे। हालांकि उसे आनन फान में फांसी के फंदे से उतारते हुए जेल अस्पताल ले आए। जहां पर डॉक्टरों ने गंभीर हालत देख उसे रेफर कर दिए। बंदी रक्षकों की टीम उसे गंभीर हालत में इलाज के लिए स्वरूप रानी चिकित्सालय में दाखिल कराया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। जैसे ही मृतक के परिजनों को सूचना मिली तो वह सभी जिला अस्पताल पहुंचे और शव देख कोहराम मच गया। वहीं परिजनों ने जेल में बंद बंदी की मौत को लेकर कई प्रकार के आरोप लगा रहे हैं। मामला तूल पकड़ा तो फौरीतौर पर जेल प्रशासन की ओर से एक बंदी रक्षक के खिलाफ कार्रवाई की गई। हालांकि पूरे प्रकरण की जांच पड़ताल जेल प्रशासन की ओर से जारी है। इस संबंध में जिला जेल सुपरिटेंडेंट अमिता दुबे ने बताया कि बंदी अफरोज ने जेल अस्पताल और बाउंड्रीवॉल के बीच हाथे में फांसी लगाया था।

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