श्री मौनतीर्थ पीठाधीश्वर ने देश में बढ़ते छद्म साधु संतों पर जताई चिंता
कुम्भ नगर (राजेश शुक्ला)। श्री मौनतीर्थ पीठ उज्जैन के पीठाधीश्वर एवं निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामिश्रीः डॉ. सुमनानंद गिरी जी महाराज ने किन्नर अखाड़े से ममता कुलकर्णी को निष्कासित किए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कई सवाल खड़े किए हैं। पूछा है कि ममता कुलकर्णी वापस फिल्म इंडस्ट्री में लौटेंगी या संन्यास धर्म का पालन करेंगी? अगर संन्यास धर्म का पालन करेंगी तो क्या उन्हें सिंहस्थ उज्जैन में दूसरे अखाड़े द्वारा महामंडलेश्वर बनाया जाएगा?
महामंडलेश्वर स्वामिश्रीः डॉ. सुमनानंद गिरी जी महाराज ने इस बात पर भी गहरी चिंता व्यक्त की है कि अखाड़ों से निष्कासित अनेक साधु संत आज भी भगवा वस्त्र पहनकर रह रहे हैं और लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इस मामले में भी अखाड़ा परिषद को गंभीरता से चिंतन मनन करना चाहिए। फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाने के मामले में नया मोड़ आने के बाद उन्होंने ये चिंता जताई है। उल्लेखनीय है कि किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजयदास ने दावा किया है कि उन्होंने ममता कुलकर्णी सहित लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को महामंडलेश्वर पद से हटा दिया है। अजयदास का कहना है कि ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाने में प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। महामंडलेश्वर स्वामिश्रीः डॉ. सुमनानंद गिरी जी ने कहा है कि पहली बात तो यह कि बिना मुंडन के संन्यास लेना संभव नहीं क्योंकि स्वयं का पिंडदान करना होता है। ममता कुलकर्णी किन्नर भी नहीं हैं। अगर ममता कुलकर्णी ने बिना पिंडदान के संन्यास लेकर महामंडलेश्वर पद ग्रहण किया भी है तो क्या वे अब संन्यास धर्म का पालन करती रहेंगी या पुनः फिल्म इंडस्ट्री में लौटेंगी, यह स्पष्ट किया जाना चाहिए। इस विषय पर अखाड़ा परिषद में भी चिंतन आवश्यक है। पिंडदान के बाद वापस गृहस्थ जीवन में लौटा नहीं जा सकता। अगर वे वापस फिल्मी दुनिया में लौटेंगी तो यह तथ्य सामने आएगा कि महामंडलेश्वर पद पाने के लिए सारा प्रपंच किया गया था और अगर संन्यास धर्म का पालन करती हैं तो कोई भी अखाड़ा उन्हें महामंडलेश्वर बना सकता है, क्योंकि वे किन्नर नहीं हैं और संन्यास ले चुकी हैं।