प्रयागराज (राजेश सिंह)। पूर्व महिला प्रधान सरोज तिवारी को अपनी जमीन बचाने के लिए नैनी थाने का चक्कर लगाना पड़ रहा है लेकिन पुलिस उसकी सुनवाई नहीं कर रही। जमीन की रजिस्ट्री से लेकर राजस्व विभाग के आदेशों की तारीखवार प्रतियां लेकर पुलिस अधिकारी से संपर्क कर सारे साक्ष्य दिखाए फिर भी उनको अभी तक न्याय नहीं मिला। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पोर्टल पर अपनी व्यथा सुनाई। आईजीआरएस में शिकायत दर्ज कराई लेकिन नतीजा सिफर रहा। अलबत्ता जमीन पर किए जा रहे कब्जे को रोकने की कोशिश करने पर उनके, उनके पति, दो अन्य परिजन एवं ८० अज्ञात लोगों को मुकदमा में फंसा दिया गया। शहर से सटे नैनी क्षेत्र के कमला नगर धनुहा चाका में पूर्व महिला प्रधान सरोज तिवारी की जमीन है। इनके जमीन के आगे किसी रिटायर्ड सीआरपीएफ जवान का मकान है। पूर्व प्रधान का कहना है कि रिटायर्ड फौजी के मकान के पीछे बिल्कुल सटा हुआ उनका प्लाट है जिसके कुछ भाग पर फौजी जबरन कब्जा कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया। इसपर उन्होंने अपने परिचितों संग मौके पर पहुंच कर काम रुकवाने के लिए ११२ नंबर डायल कर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने नैनी पुलिस को बताया जिसके बाद इलाकाई पुलिस वहां पहुंची। पूर्व प्रधान सरोज तिवारी ने मौके पर ही सारे प्रपत्र पुलिस को दिखाए जिससे काम रोक दिया गया लेकिन पुलिस ने विवाद का निष्पादन नहीं किया। कितनी दफे उन्होंने थाना दिवस और व्यक्तिगत रूप से जाकर नैनी पुलिस से गुहार लगाई कि उनके प्लाट पर कब्जा किए जाने की कोशिश की जा रही है, उसका निपटारा किया जाए लेकिन अभी तक पुलिस ने विवाद को पाल रखा है।